देर रात झड़प के बाद भड़के पहलवान, पद्मश्री सम्मानित बजरंग पुनिया ने कहा पुलिस को किसी सम्मान से कोई मतलब नहीं है, पहलवानों ने किया मेडल लौटाने का फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निचली अदालत जाने के निर्देश
अवॉर्ड लौटाएंगे पहलवान? देर रात झड़प के बाद भड़के पहलवान, पद्मश्री सम्मानित बजरंग पुनिया ने कहा पुलिस को किसी सम्मान से कोई मतलब नहीं है, पहलवानों ने किया मेडल लौटाने का फैसला, सुप्रीम कोर्ट ने दिए निचली अदालत जाने के निर्देश
- सम्मान की लाज नहीं रखी- पुनिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक हफ्ते से ज्यादा दिनों तक धरना प्रदर्शन करने के बाद पहलवानों ने बड़ा निर्णय लिया है। पहलवानों का कहना है कि, हमारी कोई कदर नहीं है हमने देश का मान विश्व स्तर पर ऊंचा किया है लेकिन आज हमारे साथ कैसा सलूक हो रहा है। यह पूरा देश देख रहा है। इसी को देखते हुए हमने तय किया है कि जो भी हमें आज तक पुरस्कार मिले हैं वो सारे लौटा देंगे। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो सुनवाई चल रही थी उस पर शीर्ष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है और पहलवानों को निचली अदालत में अपील करने की बात कही है।
इसके अलावा जंतर-मंतर पर धरना दे रहे पहलवान और अवॉर्ड विनिंग बजरंग पुनिया ने कहा "अगर मेडल का सम्मान ऐसा ही है तो हम इस मेडल का क्या करेंगे? इससे अच्छा तो हम मामूली जिंदगी जी लेंगे और हमने जो मेडल जीते हैं उसे हम भारत सरकार को वापस कर देंगे। धक्का-मुक्की और गाली गलौज के समय पुलिस को नहीं दिखता की ये पद्म श्री हैं, उन्होंने इस सम्मान की लाज नहीं रखी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 4, 2023
निचली अदालत जाएं पहलवान- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने आज पहलवानों के मामले पर सुनवाई की। जिसमें वो फैसला सुनाते हुए कहा कि, पहलवान इस मामले को निचली अदालत में ले जाएं। इस पूरे मामले पर सुनवाई कर रहे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, एफआईआर दर्ज करने को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया था। अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। अब इस पूरे मामले को पहलवान निचली अदालत में ले जा सकते हैं। बता दें कि, शीर्ष अदालत ने पहलवानों के मजिस्ट्रेट या हाईकोर्ट जाने को कहा है।
पहलवानों का क्या है आरोप?
रेसलर बजरंग पुनिया ने बीती रात की हुई घटना से आहत होते हुए कहा कि, सरकार हमारी मांग को पूरा नहीं कर रही है हम बस यही चाहते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई हो उन्हें जेल भेजा जाए। लेकिन सरकार इन मामलों में कैसा रवैया अपना रही है जो काफी दिल दुखाने वाला है। दरअसल, डब्लयूएफ के अध्यक्ष और बीजेपी से कैसरगंज के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि वो हमारा यौन शोषण करते थे और मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते थे। इसी को लेकर पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और उन्हें जेल में डालने की बात कह रहे हैं।
जब तक जेल नहीं तब तक प्रदर्शन वापस नहीं- पहलवान
इस पूरे मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही थी। जिस पर रेसलर्स ने कहा था कि हमें अदालत पर पूरा भरोसा है लेकिन कुश्ती संध के अध्यक्ष को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? बता दें कि, महिला पहलवानों के आरोप पर बृजभूषण सिंह पर दो केस दर्ज हो चुके हैं। जिनके खिलाफ पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। इस पूरे मामले पर बृजभूषण सिंह ने कहा है कि, अगर पहलवान चाहते हैं तो मैं इस्तीफा दे दूंगा लेकिन उन्हें अपना धरना प्रदर्शन खत्म करना होगा। हालांकि, पहलवानों ने पहले ही तय कर लिया है कि जब तक कुश्ती संघ के अध्यक्ष को जेल में नहीं डाला जाता तब तक वो अपना विरोध प्रदर्शन वापस नहीं लेंगे।