अयोध्या मामला: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका
अयोध्या मामला: मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड दाखिल करेगा पुनर्विचार याचिका
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करने का फैसला किया है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि दिसंबर के पहले हफ्ते में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। बता दें सुप्रीम कोर्ट के फैसला आने के बाद ही जफरयाब ने कहा था कि हम अदालत के फैसले से खुश नहीं हैं। हम इस फैसले को आखिरी फैसला नहीं मानते हैं।
सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करने के फैसले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि कानूनी तौर पर उनके निर्णय से याचिका दाखिल करने पर असर नहीं होगा। पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के मुद्दे पर सभी मुस्लिम संगठन एकमत हैं।
All India Muslim Personal Law Board: Exercising our constitutional right, we"re going to file a review petition in the Ayodhya case during the 1st week of Dec. Sunni Waqf Board"s decision not to pursue the case won"t legally affect us.All Muslim organizations are on the same page
— ANI (@ANI) November 27, 2019
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देगा। लखनऊ में बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लगा दी। इसके अलावा पांच एकड़ जमीन को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए अयोध्या में कहीं अन्य पांच एकड़ भूमि देने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक में सात में से छह सदस्य पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के पक्ष में नहीं थे। बोर्ड के सदस्यों में से अकेले अब्दुल रज्जाक खान चाहते थे कि पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाए।
बोर्ड के चेयरमैन जुफर फारुकी ने मीडिया से कहा कि फैसले का विरोध नहीं किया जाएगा। वहीं, पांच एकड़ जमीन लेने के फैसले पर बोर्ड ने कहा कि जब हमें ऑफर की जाएगी तब निर्णय लेंगे। अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। इसके लिए फिर से बैठक होगी। अभी तारीख तय नहीं है।उन्होंने कहा, पांच एकड़ जमीन पर चर्चा इसलिए नहीं की गई, क्योंकि हमारे सदस्य राय बनाने के लिए अभी और वक्त चाहते हैं। जमीन लेने या न लेने का मुद्दा दूसरे लोगों ने उठाया है, हमने नहीं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों में से बाबरी मस्जिद का नाम हटाने की बात को उन्होंने खारिज किया।