निधन: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन, 20 दिन में तीसरी बार पड़ा था दिल का दौरा
निधन: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन, 20 दिन में तीसरी बार पड़ा था दिल का दौरा
डिजिटल डेस्क, रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का आज (शुक्रवार) निधन हो गया। वे 74 साल के थे। 20 दिन में तीसरी बार दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी। डॉक्टरों ने 45 मिनट तक कोशिशें कीं, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। जोगी ने 3.30 बजे आखिरी सांस ली। उनके निधन की जानकारी बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर दी। जोगी का अंतिम संस्कार शनिवार को उनके जन्मस्थान गोरैला में होगा। बीते 9 मई को कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। इसके बाद से वे लगातार कोमा में थे। डॉक्टरों के अनुसार शुक्रवार दोपहर उन्हें फिर से कार्डियक अरेस्ट आया। डॉक्टरों के हरसंभव प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। जोगी ने दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर आखिरी सांस ली। छत्तीसगढ़ के बनने के बाद वे 2000 से 2003 के बीच राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे।
२० वर्षीय युवा छत्तीसगढ़ राज्य के सिर से आज उसके पिता का साया उठ गया।केवल मैंने ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ ने नेता नहीं,अपना पिता खोया है।माननीय अजीत जोगी जी ढाई करोड़ लोगों के अपने परिवार को छोड़ कर,ईश्वर के पास चले गए।गांव-गरीब का सहारा,छत्तीसगढ़ का दुलारा,हमसे बहुत दूर चला गया। pic.twitter.com/RPPqYuZ0YS
— Amit Jogi (@amitjogi) May 29, 2020
9 मई के बाद से कोमा में थे जोगी
पूर्व सीएम के स्टाफ ने बताया कि 9 मई को सुबह नाश्ता करते हुए जोगी को अचानक सीने में दर्द महसूस हुआ और सांस लेने में दिक्कत होने लगी। पत्नी रेणु जोगी इनके पास थीं और उन्होंने ही घर पर मौजूद स्टाफ को इसकी जानकारी दी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया और स्थिति गंभीर होने के चलते वेंटिलेटर पर रखा गया था। तब से वे कोमा में थे। इसके बाद 27 की मई की रात भी उन्हें दिल का दौरा पड़ा। हालांकि, अगले ही दिन उनकी सेहत में थोड़ा सुधार देखा गया। इसके बाद शुक्रवार को फिर उन्हें दिल का दौरा पड़ा और जोगी के ब्रेन में कोई हलचल नहीं हो रही थी। शुक्रवार को तीसरी बार हार्ट अटैक आने के बाद डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर यानी कार्डियो पल्मनरी रेस्यूसाईटेशन भी दिया। यह धड़कन रुक जाने की स्थिति में दिया जाता है। पिता की तबियत खराब होने की सूचना मिलते ही बेटे अमित जोगी भी बिलासपुर पहुंच गए थे।
छत्तीसगढ़ में तीन दिन का राजकीय शोक
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में तीन दिन के राजकीय अवकाश की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट किया, राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए एक बड़ी राजनीतिक क्षति है। राज्य में आज से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया जाता है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और इस दौरान कोई भी शासकीय समारोह आयोजित नहीं किए जाएंगे। स्वर्गीय जोगी का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।
ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि:
Shri Ajit Jogi Ji was passionate about public service. This passion made him work hard as a bureaucrat and as a political leader. He strived to bring a positive change in the lives of the poor, especially tribal communities. Saddened by his demise. Condolences to his family. RIP.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2020
पूर्व मुख्यमंत्री रमण सिंह ने कहा, "आज प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी जी के देहांत से हृदय को गहरा दुख पहुँचा है। उनका निधन प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है, आज श्री अजीत जी के साथ प्रदेश का एक राजनीतिक इतिहास समाप्त हो गया है। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति व शोक-संतप्त प्रियजनों को धैर्य प्रदान करें।"
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, "छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन से दुःखी हूं। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।"
नौकरशाह से मुख्यमंत्री बनें जोगी
अजीत जोगी का पूरा नाम अजीत प्रमोद कुमार जोगी था। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पेंड्रा में 29 अप्रैल 1946 को उनका जन्म हुआ। वे बीई मैकेनिकल में गोल्ड मेडलिस्ट रहे। फिर रायपुर के इंजीनियरिंग कॉलेज में वे 1967-68 में लेक्चरर रहे। बाद में वे आईएएस बने। 1974 से 1986 तकरीबन 12 साल तक सीधी, शहडोल, रायपुर और इंदौर में कलेक्टर रहे।इसी दौरान वह तत्कालीन प्रधाननमंत्री राजीव गांधी के संपर्क में आए थे और साल 1986 के आसपास वह कांग्रेस से जुड़ गए और नौकरशाही छोड़ सक्रिय राजनीति में आ गए थे। साल 1986 से 1998 तक राज्यसभा के सदस्य रहे जोगी 1998 में रायगढ़ से लोकसभा सांसद चुने गए थे। साल 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण बना तो वहां कांग्रेस का बहुमत था और कांग्रेस ने बिना देरी किए जोगी को मुख्यमंत्री बना दिया। वे यहां के पहले मुख्यमंत्री बने और इस पद पर 2003 तक रहे।
2016 में बनाई अलग पार्टी
एक समय में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का चेहरा माने जाने वाले अजित जोगी ने पार्टी नेताओं के साथ मतभेद के चलते 2016 में कांग्रेस से बगावत कर "जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़" नाम की अपनी अलग पार्टी बना ली। साल 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराने के लिए जोगी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाथ मिलाया। हालांकि, उनके गठबंधन को महज सात सीटें मिली थीं।