केंद्र ने कहा- अफगानिस्तान की स्थिति 'गंभीर' बनी हुई है, भारतीयों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता

All Party Meet केंद्र ने कहा- अफगानिस्तान की स्थिति 'गंभीर' बनी हुई है, भारतीयों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-26 13:42 GMT
केंद्र ने कहा- अफगानिस्तान की स्थिति 'गंभीर' बनी हुई है, भारतीयों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान संकट को लेकर गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई
  • केंद्र ने कहा- युद्धग्रस्त देश से भारतीयों को निकालना सर्वोच्च प्राथमिकता
  • सभी दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में जानकारी दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान संकट को लेकर गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि युद्धग्रस्त देश से भारतीयों को निकालना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस बैठक में 31 दलों के 37 नेताओं ने भाग लिया। बैठक के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में जानकारी दी।

क्या कहा विदेश मंत्री जयशंकर ने?
जयशंकर ने कहा, इस मुद्दे पर सरकार और सब राजनीतिक पार्टियों की एक जैसी राय है। इवेक्यूएशन को लेकर जयशंकर ने कहा, "विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा कि "ऑपरेशन "देवी शक्ति" के तहत हमने छह इवेक्यूएशन फ्लाइट संचालित की हैं। हम अधिकांश भारतीयों को वापस लाए हैं, लेकिन उन सभी को नहीं, क्योंकि उनमें से कुछ लोग उड़ान के दिन नहीं पहुंच सके।

हम निश्चित रूप से कोशिश करेंगे और सभी को बाहर लाएंगे। जयशंकर ने कहा, हम कुछ अफ़ग़ान नागरिकों को भी लाए हैं जो इस समय भारत आना चाहते थे।सरकार जल्दी से जल्दी लोगों की पूरी वापसी सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

कांग्रेस नेता ने कहा- सभी दलों का एक जैसा विचार
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह पूरे देश की समस्या है। हमें लोगों और देश के हितों के लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने हमसे इंतजार करने और नजर बनाए रखने को लिए कहा है। सभी दलों ने ऐसा ही विचार व्यक्त किया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने ये भी कहा कि हमने एक महिला अफगान राजनयिक का मुद्दा उठाया जिन्हें डिपोर्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक गलती थी, ऐसा दोबारा नहीं होगा और वो इस मामले को देखेंगे।

बैठक के दौरान, सरकार ने उल्लेख किया कि तालिबान ने फरवरी 2020 में अमेरिका के साथ दोहा समझौते में किए गए वादों को तोड़ दिया है, जिसमें "धार्मिक स्वतंत्रता और लोकतंत्र की बात कही गई थी। बैठक में केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी भी मौजूद थे।

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