हिज्ब उत तहरीर: नए स्लीपर सेल्स बनाकर सीक्रेट एप पर मीटिंग कर रहा संगठन, भारत के लिए बन सकता है बड़ा खतरा, सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

  • सुरक्षा एजेंसियां भी हैं तैनात
  • देशभर में स्लीपर सेल्स बिछाकर सीक्रेट ऐप पर हो रही मीटिंग
  • अपने समूह को मजबूत करने के लिए हो रही है गुप्त भर्ती

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-11 10:10 GMT

डिजिटल डेस्क, नई  दिल्ली। भारत की सुरक्षा एजेंसियां आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर को लेकर अलर्ट मोड पर आ गई हैं। सरकार से संबंधित अधिकारियों ने बताया है कि एनआईए ने पिछले हफ्ते दो दिनों के आतंकवाद विरोधी सम्मेलन में भारत में हिज्ब उत तहरीर पर काफी चर्चा की थी। जिसमें तेलंगाना, तमिलनाडु, गुवाहाटी पुलिस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और बीएसएफ के आतंकवाद निरोधकर एक्सपर्ट भी शामिल हुए थे।

क्या किया है हिज्ब उत तहरीर ने?

लेबनान में स्थित कट्टरपंथी समूह हिज्ब उत तहरीर पश्चिमी देशों में अपनी पकड़ मजबूत करने की सोच रहा है। बता दें, पिछले साल ब्रिटेन में इस समूह से जुड़े लोगों ने फिलिस्तीन समर्थक सड़क पर विरोध प्रदर्शन किया था। जिसके बाद इस समूह पर ब्रिटेन सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगा दिया था।

किन राज्यों में हैं हिज्ब उत तहरीर के स्लीपर सेल्स

इसके बाद अब ये समूह भारत में तेजी से फैल रहा है। भारत ने अभी कुछ समय पहले ही इस समूह को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम, 1967 के तहत रखा हुआ है। इस समूह के स्लीपर सेल्स देश के चार राज्यों में फैले हुए हैं। जिसमें मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश शामिल हैं।

एनआईए ने शुरू की मामले की जांच

मिली हुई न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन के सम्मेलन के समय एक रिपोर्ट पेश की गई थी। जिसमें इस साल की शुरूआत में पकड़े गए हुती मॉड्यूल के सदस्यों को लेकर काफी चर्चा चली थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से इस मामले को एनआईए को सौंप दिया गया है। इस मामले की जांच अब एनआईए की तरफ से शुरू हो गई थी। जिसके बाद एनआईए ने हिज्ब उत तहरीर के 17 सदस्यों के खिलाफ आरोप पत्र दर्ज कर दिया है। एनआईए की जांच में ये सामने आया है कि इस देश में फैले हुए हिज्ब उत तहरीर के सदस्य मध्य प्रदेश में अपने समूह को मजबूत करने के लिए शांतिपूर्वक अपने कैडर की भर्ती कर रहे हैं।

सीक्रेट ऐप पर हो रही है मीटिंग

जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया और एप्स का इस्तेमाल करके इस समूह की तरफ से आतंकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवाओं को भड़काने के लिए इन्हीं ऐप का इस्तेमाल करके मीटिंग हो रही है। ये समूह साल 1953 में येरुशलम में बना था। जिसके सैकड़ों सदस्य फिलिस्तीन में हैं। जिसके बाद इस समूह का टारगेट भारत में शरिया आधारित इस्लामी राष्ट्र का निर्माण करना है। 

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