दिल्ली की सीएम: दर्जनों को पछाड़ आतिशी ने पक्की की दिल्ली CM की कुर्सी, आखिर आतिशी ही क्यों बनी केजरीवाल की उत्तराधिकारी?

  • आतिशी बनीं अरविंद केजरीवाल की पसंद
  • सीएम के जेल जाने के बाद संभाली थी पार्टी की कमान
  • सुनीता केजरीवाल से लेकर सौरभ भारद्वाज तक को छोड़ा पीछे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-17 08:55 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए AAP विधायक दल की मीटिंग में मंगलवार को आतिशी मार्लेना के नाम की घोषणा हुई है। अरविंद केजरीवाल ने जेल से वापस आने के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का एलान किया था, जिसके बाद सीएम पद के दर्जनों दावेदार थे। लेकिन सभी को पीछे छोड़ आतिशी ने सीएम पद हासिल कर लिया है। ऐसे में कई सवाल सामने आ रहे हैं कि इतने दावेदारों में से आखिर आतिशी को ही इस पद के लिए क्यों चुना गया?

सीएम पद के लिए आतिशी ही क्यों?

आतिशी लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से काफी चर्चा में रही हैं। जून में उन्होंने हरियाणा सरकार के खिलाफ अन्न आंदोलन किया था। ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली के लिए हर दिन 11 मिलियन गैलन पानी नहीं दिया जा रहा था जिसके चलते राजधानी में लोगों को पानी की काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

आतिशी को सीएम पद मिलने की सबसे बड़ी वजह उनकी वफादारी मानी जा रही है। दिल्ली शराब घोटाला मामले में जब केजरीवाल जेल में थे तब भी उन्होंने तिरंगा फहराने के लिए आतिशी का ही नाम आगे किया था। हालांकि, उपराज्यपाल ने इसकी इजाजत नहीं दी थी।

आतिशी को सीएम पद के लिए चुनने से आम आदमी पार्टी की इमेज महिलाओं के सामने और भी ज्यादा अच्छी होने की उम्मीद है जो स्वाति मालीवाल मामले के दौरान खराब हुई थी।

रोड्स स्कॉलर, आतिशी AAP के सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे सदस्यों में से एक हैं। आतिशी का पोर्टफोलियो काफी अच्छा है। मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद आतिशी ने दिल्ली कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की थी। शिक्षा मंत्रालय का इंचार्ज बनाने के बाद आतिशी का दर्जा काफी बढ़ गया है।

आतिशी ने छोड़ा इन दावेदारों को पीछे

सीबीआई केस से जमानत मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली मुख्यमंत्री पद को त्यागने का एलान किया था। तभी से सीएम की कुर्सी संभालने के लिए कई दावेदार बने थे। इस पद के लिए अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम काफी चर्चा में था। हालांकि, वह विधायक नहीं हैं जिससे उनकी दावेदारी शुरू से ही मजबूत नहीं दिख रही थी। बता दें कि, इस लिस्ट में मंत्री कैलाश गहलोत, गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कुलदीप कुमार, आतिशी के साथ राखी बिड़लान का नाम शामिल था। आतिशी ने इस सभी पीछे छोड़ अपनी कुर्सी पक्की कर ली है।

मालूम हो कि, अरविंद केजरीवाल आज शाम साढ़े चार बजे एलजी को इस्तीफा देंगे।

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