दिल्ली शराब घोटाला: दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने वाली याचिका
- केजरीवाल के खिलाफ दायर याचिका खारिज
- सीएम पद से हटाने वाली याचिका पर सुनवाई
- हाईकोर्ट ने की अहम टिप्पणी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग में गिरफ्तार अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका को आज दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे सकते हैं। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले पर एक अहम टिप्पणी भी दी है। सुरजीत सिंह नाम के एक शख्स ने केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी।
अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि इस संबंध में कदम उठाने का अधिकार एलजी और राष्ट्रपति के पास है। इस वजह से कोर्ट इस संबंध में कोई आदेश नहीं दे सकती है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूरे मामले पर एक विशेष टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, "कई बार राष्ट्रीय हित, निजी हित से बड़े होते हैं, लेकिन यह निर्णय उनका (केजरीवाल) है।" बता दें कि कोर्ट इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल को सीएम पद से हटाने वाली एक जनहित याचिका खारिज कर चुकी है।
'वह इस्तीफा नहीं देंगे' - संजय सिंह
करीब 6 महीने बाद कल जेल से बाहर आने के बाद राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने साफ तौर पर कहा था कि केजरीवाल सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे। संजय सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "भाजपा केजरीवाल के इस्तीफे के लिए दबाव बना रही है। हालांकि, उनकी मांग उनके इस्तीफे की नहीं है, बल्कि मुफ्त पानी के प्रावधान और स्कूल सुविधाओं में सुधार को रोकने की है। वह इस्तीफा नहीं देंगे, इसके बजाय वह लोगों की सेवा करना जारी रखेंगे।”
गिरफ्तारी के खिलाफ कल हुई थी सुनवाई
दिल्ली शराब नीति घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर बुधवार (3 मार्च) को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने आप सुप्रीमो की गिरफ्तारी के खिलाफ दी गई अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। इसके साथ ही जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की पीठ ने इस मामले में आज गुरुवार तक लिखित दलील देने को कहा है।
अपनी याचिका में केजरीवाल ने दलील दी कि उनकी गिरफ्तारी और ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित रिमांड आदेश अवैध था और वह तुरंत हिरासत से रिहा होने के हकदार थे। ईडी ने केजरीवाल को दिल्ली में उनके आधिकारिक आवास पर दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था कि किसी मामले का फैसला करते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए दोनों पक्षों को निष्पक्ष रूप से सुनना उसका कर्तव्य है।
ईडी ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों, आप नेताओं और अन्य व्यक्तियों की मिलीभगत से कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले का "सरगना और मुख्य साजिशकर्ता" करार दिया है।