महात्मा गांधी और क्रिकेट: अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले महात्मा गांधी का भी फेवरेट खेल था क्रिकेट, किताब में हुआ खुलासा बॉल-बल्ले से कैसा था लगाव?

  • महात्मा गांधी को काफी पसंद था क्रिकेट का खेल
  • एक शानदार ऑलराउंडर थे बापू
  • शारीरिक अभ्यास से रहते थे कोसों दूर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-02 13:15 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के इतिहास में 2 अक्टूबर की तारीख बेहद खास है, क्योंकि इसी दिन देश को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था। हर देशवासी उनकी याद में इस दिन को उनकी जयंती के रूप में मनाता है। महात्मा गांधी ने अंग्रेजी शासन को खत्म कर देश को आजादी दिलाने में कई संघर्ष किये थे। लेकिन बापू को लेकर एक ऐसी खबर सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि महात्मा गांधी एक क्रिकेट प्रेमी थे। इस बात का जिक्र महात्मा गांधी के उपर लिखे एक किताब में किया गया है। हालांकि, एक दावे के मुताबिक बापू शारीरिक अभ्यास के काफी दूर रहते थे लेकिन वह फिर भी इस खेल को काफी पसंद करते थे।

क्या लिखा है किताब में?

महात्मा गांधी और क्रिकेट के प्रति उनकी दिवानगी का जिक्र कौशिक बंदेपाध्याय की लिखी किताब 'महात्मा ऑन द पिच: गांधी एंड क्रिकेट इन इंडिया' में किया गया है। इस किताब में बापू के क्रिकेट के जूनून और भारत में क्रिकेट के विकास की कहानी के बारे में बताया गया है। किताब के लेखक का कहना है कि, महात्मा गांधी जब हाई स्कूल में थे तब वह काफी चाव से क्रिकेट खेला करते थे। लेखक ने आगे बताया है कि उस समय महात्मा गांधी के एक मित्र हुआ करते थे जिनका नाम रतीलाल गोलाभाई मेहता था। उनके अनुसार बापू को शारीरिक अभ्यास करना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन क्रिकेट के प्रति उन्हें काफी रूची थी। उस दौरान वह न केवल बल्लेबाजी किया करते थे बल्कि उनकी गेंदबाजी भी बेहद अच्छी थी।

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किताब में लिखी है बापू और उनके मित्र की एक मजेदार कहानी

कौशिक बंदोपाध्याय की इस किताब में महात्मा गांधी और उनके मित्र रतीलाल गोलाभाई मेहता के एक किस्से का भी जिक्र किया गया है। इसके मुताबिक, एक समय दोनों दोस्त एक क्रिकेट के मैच का आनंद ले रहे थे। उस खेल में राजकोट सिटी और राजकोट सदर आमने-सामने थीं। उस दौरान दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर हो रही थी और खेल काफी रोमांचक मोड़ पर पहुंचा हुआ था। फिर अचानक महात्मा गांधी ने कहा कि बल्लेबाजी कर रहा एक खिलाड़ी आउट होगा और हुआ भी वही। गांधी ने जिस खिलाड़ी के बारे में कहा था वह सचमुच आउट हो गया।

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