शिक्षक दिवस के मौके पर जानिए देश के महान शिक्षकों से जुड़ी खास बातें
Happy Teacher’s Day शिक्षक दिवस के मौके पर जानिए देश के महान शिक्षकों से जुड़ी खास बातें
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। एक शिक्षक की दी गई सीख को छात्र याद रखें न रखें पर शिक्षक हमेशा अपने छात्र को आगे देखना चाहता है। भारत के पहले उप राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में उनके जन्मदिन पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। पूरे देश में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस मौके पर हम आपको बताएंगे, देश के कुछ ऐसे टीचर्स के बारे में जो कभी भुलाएं नहीं जा सकेंगे।
रामकृष्ण परमहंस
एक बड़े संत, जो एक गुरु और विचारक दोनों थे उनका नाम था रामकृष्ण परमहंस। उन्होंने बचपन से ही कठोर साधना और भक्ति के साथ अपना जीवन बिताया और उनकी भक्ति ईश्वर के प्रति बहुत ज्यादा थी। वे मानते थे कि, ईश्वर के दर्शन किये जा सकते हैं। उनकी साधना से उन्होंने ये निष्कर्ष निकाला कि संसार के सारे धर्म सच्चे हैं, जिसमें कोई ऊंच-नीच नहीं होनी चाहिए। वे कहते थे कि, वे भगवान तक पहुंचने के अलग-अलग तरीके हैं। स्वामी विवेकानंद उनके छात्र थे।
चाणक्य
चाणक्य एक बड़े रणनीतिकार थे, जिन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को पूरे भारत का सम्राट बनाया था। चाणक्य को आचार्य विष्णु गुप्ता भी कहा जाता था। वे एक महान राजनीतिक समझ के व्यक्ति थे। भारत राज्यों में बंटा है उसे एकजुट करने का श्रेय भी चाणक्य को ही जाता है।
एपीजे अब्दुल कलाम
द मिसाइल मैन ए पी जे अब्दुल कलाम, जो भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति थे। वे वैज्ञानिक और इंजीनियर भी थे। उन्होंने सारी युवा पीढ़ी को एक बात सिखाई और वो ये थी कि, आपके साथ चाहे जैसी भी परिस्थिति हो जब आप अपने सपने को पूरा करने की सारी हद तक कोशिश करते हैं तो, आपको कोई नहीं रोक सकता। आप आपने जीवन में सफलता प्राप्त करके ही रहते हो। उनसे बच्चे और आज की युवा पीढ़ी आज भी प्रेरणा लेती है।
डॉ. फूल चंद्र राय
डॉ. फूल चंद्र राय रसायन शास्त्र के महान शिक्षक थे। वे सबसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने रसायन शास्त्र की नींव रखी थी। उनका एक उसूल था जिससे महात्मा गांधी बेहद प्रभावित हुए थे, जो था सादा जीवन उच्च विचार। वे बांगलादेश के ररौली गांव के थे।
जगदीश चंद्र बसु
भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्हें पुरात्तव का ज्ञान था। जगदीश चंद्र बसु भारत के सबसे पहले वैज्ञानिक शोधकर्ता थे। उन्होंने सबसे पहले ही अमेरिकन पेटेंट प्राप्त किया था। नवंबर 1894 में बसु ने कलकत्ता के टाउन हॉल में अपनी रेडियो तरंगों का प्रदर्शन किया। आज का रिमोट कंट्रोल सिस्टम उन्हीं की खोज पर आधारित है।
पांडुरंगा सदाशिव साने
पांडुरंगा सदाशिव साने मराठी लेखक, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता रहे। उनका जन्म महाराष्ट्र के रत्नागिरी में हुआ था। उनकी मां भी एक शिक्षक थीं। उनकी शिक्षा जब पूरी हो गई तो वे अपनी मां के पद पर काम करने लगे। उन्होंने अपने छात्रों के नाम पर एक पत्रिका भी शुरू की थी। वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे।