अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2024: वरिष्ठजनों के सम्मान का दिन है "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस", जानें इसके इतिहास ,महत्व और 2024 की थीम के बारे में
- 1 अक्टूबर को मनाया जाएगा अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस
- "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" का इतिहास
- "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" 2024 की थीम क्या है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जैसे तुलसी का पौधा छोटा होते हुए भी हमारे घर-आंगन की शोभा बढ़ाता है, ठीक उसी प्रकार बुजुर्ग भी हमारे घर में तुलसी की ही तरह शोभा बढ़ाते हैं। ये लोग अपने साथ वो ज्ञान लेकर चलते हैं, जिसे सीखने में पूरा जीवन लग जाता है। बचपन से ही हमें शिक्षा दी जाती है कि हमें अपने से बड़ों का आदर करना चाहिए। क्योंकि हमारे बुजुर्ग हमारी तरह से सहायता करते हैं साथ ही वे हमें हर मुसीबतों का सामना करने की हिम्मत देते हैं। आज के इस दौर की पीढ़ी को अपने ही परिवार के बुजुर्गों के साथ बैठकर समय बिताने, उनसे कुछ नया सीखने का समय नहीं है। क्योंकि बच्चे तो सोशल मीडिया को ही अपनी दुनिया मान चुके हैं। घर में सब एक साथ होते हुए भी अपनी-अपनी दुनिया में खोए रहते हैं। कई बच्चे तो ऐसा सोचते हैं कि बुजुर्ग उनके लिए कोई मायने नहीं रखते हैं। लेकिन उन्हें कौन बताए कि, जो बातें हमें हमारे बड़े-बुजुर्गों से सीखने मिल सकती हैं, वो गूगल भी नहीं सिखा सकता। इसी सम्मान को जाहिर करने के लिए "संयुक्त राष्ट्र महासभा"(UNGA)ने एक दिन निश्चित किया है। जिसे हर साल 1 अक्टूबर को "अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" (World Elders Day) के तौर पर मनाया जाता है। इसका उद्देश्य बड़ों को सम्मानित करने, समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करना और उनकी भलाई को प्रभावित करने के लिए मनाया जाता है। हालांकि, हमें हमेशा ही बड़े लोगों का आदर-सम्मान करना चाहिए। बड़ों का क्योंकि वो हमारे घर की नींव होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर स्वर्ग बन जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" से जुड़ी कुछ बातें।
14 दिसंबर 1990 को "संयुक्त राष्ट्र महासभा" ने बडे़ बुजुर्गों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और उनके सम्मान को बढ़ाने के लिए "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" की घोषणा की थी। इसे पहली बार 1 अक्टूबर 1991 को मनाया गया था। इसके बाद से हर साल 1 अक्टूबर को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन के माध्यम से समाज को यह याद दिलाया जाता है कि, वृद्ध व्यक्ति हमारे समाज का विशेष हिस्सा हैं। सभी को उनका सम्मान करना चाहिए। बता दें कि 65 या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या साल 1980 में लगभग 260 मिलियन थी। जो साल 2021 में बढ़कर 761 मिलियन हो गई है। अनुमान लगाया जा रहा कि साल 2021 और 2050 के बीच, वृद्ध आबादी का वैश्विक हिस्सा 10% से बढ़कर लगभग 17% हो सकता है।
भारतीय समाज में वृद्ध लोगों के आशीर्वाद को किसी भी काम में सबसे बड़ा सहायक माना जाता है। समाज में उन्हें गुरु, आदर्श, और ज्ञान का प्रतीक माना गया है। इस दिन के माध्यम से लोगों को वृद्ध लोगों की समस्याओं और जरूरतों के प्रति जागरूक किया जाता है। समाज में उनके अधिकारों की सुरक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। हमें उनकी जरूरतों का सहारा देना चाहिए और उनका सहयोग करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन को खुशी और संतोष से जी सकें। "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" हमें यह याद दिलाता है कि हमें वृद्ध लोगों का सहयोग करना चाहिए और उनके साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। उनके सम्मान और सहयोग के माध्यम से हम मजबूत समाज बना सकते हैं, जो सभी के लिए एक बेहतर भविष्य की दिशा की ओर कदम बढ़ाता है।
"अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" 2024 थीम
इस "अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस" 2024 की थीम है "गरिमा के साथ वृद्धावस्था" (ageing with dignity)। ये वृद्धजन के जीवन की विशेषता पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरतों पर प्रकाश डालता है। उनकी भावनात्मक, सामाजिक और शारीरिक जरूरतों से अवगत कराता है। बता दें कि, साल 2050 तक देश में 60साल और उससे अधिक आयु के लगभग 340 मिलियन लोग होने की उम्मीद है, जो उन्हें भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।