पाकिस्तान आम चुनाव: पाकिस्तान में चुनाव से पहले तेज हुई हिंसा, बलूचिस्तान में हुए दो भीषण आत्मघाती हमले, 28 की मौत, सैंकड़ो घायल
- पाकिस्तान में इलेक्शन के करीब आते ही बढ़ीं हिंसक घटनाएं
- बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हो रहे बम धमाके
- अब तक हो चुकीं सैकड़ों मौतें
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले हिंसा तेज हो गई है। गुरूवार को देश में वोटिंग होनी है, इससे पहले बलूचिस्तान प्रांत के दो शहरों में भीषण ब्लास्ट हुए। इस हमले में 28 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आ रही है। पहला धमाका पिशिन शहर में हुआ। स्थानीय मीडिया के मुताबिक यह धमाका निर्दलीय उम्मीदवार असफंद यार खान काकड़ के दफ्तर के बाहर हुआ। जिसमें करीब 15 लोगों की मौत जबकि 30 लोग बुरी तरह घायल हो गए। सभी घायलों को पिशिन के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमले के दौरान उम्मीदवार असफंद खान काकड़ अपने दफ्तर में मौजूद नहीं थे।
वहीं, दूसरा धमाका बलूचिस्तान के सैफुल्लाह शहर में हुआ। उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के उम्मीदवार मौलाना अब्दुल वासे के दफ्तर के बाहर हुए इस धमाके में वो तो सुरक्षित रहे। लेकिन दफ्तर के अंदर और उसके आसपास मौजूद लोग इसकी चपेट में आ गए। स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हमले में 13 लोगों की मौत जबकि 10 बुरी तरह घायल हो गए। इस तरह इन दोनों ही हमलों में कुल 28 लोगों की मौत हुई है।
हमलों की जांच पर बलूचिस्तान के सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा, पिशिन में हुए धमाके की प्राथमिक जांच से पता चला है कि विस्फोटक सामान एक बाइक में रखा था। इस मामले की जांच की जा रही है। एक प्रत्यक्षदर्शी ने मीडिया को बताया कि यह एक आत्मघाती बम हमला था। उसने बताया कि हमलावर बॉम्बर एक बाइक पर सवार था। वहीं सैफुल्लाह शहर में हुए धमाके की वजह अभी सामने नहीं आई है।
बता दें कि पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव और प्रांतों में चुनाव होने हैं। देश के चुनाव आयोग ने बलूचिस्तान में हो रहे लगातार हमलों को लेकर प्रांत के चीफ सेक्रेटरी और पुलिस से रिपोर्ट मांगी है।
हमलों के लिए तालिबान और बलूच लिबरेशन आर्मी जिम्मेदार
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में लगातार हो रहे हमलों के पीछे पाकिस्तान तालिबान और बलूच लिबरेशन आर्मी जिम्मेदार है। यह दोनों ही संगठन चुनाव से पहले इन दोनों प्रांतों में हमले कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सीनेट में कुछ दिन पहले दो दिन बाद होने वाले आम चुनाव को स्थगित करने की मांग की गई थी। हालिया दिनों में आतंकी और हिंसा की बढ़ती घटनाएं किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रही हैं।
इलेक्शन से पहले बढ़ी हिंसा
पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आती जा रही है, वैसे-वैसे हिंसा की घटनाओं में तेजी आते जा रही है। 5 फरवरी को बलूचिस्तान में चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर बड़ा धमाका हुआ था। इसके अलावा इसी दिन खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दरबार शहर में एक पुलिस स्टेशन पर भी भीषण आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई थी। इससे पहले 31 जनवरी को भी इन दोनों ही इलाकों में दो बड़ी वारदातें हुईं थी। पहली घटना खैबर पख्तूख्वा के बाजौर जिले की थी जहां इमरान खान की पार्टी पीटीआई के एक उम्मीदवार रेहान जेब खान की हत्या कर दी गई। वहीं दूसरी घटना बलूचिस्तान की थी, जहां जमात अवामी नेशनल पार्टी के बड़े नेता जहूर अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।