उपलब्धि: अमेरिकी नौसेना की एयरविंग में पहली अश्वेत महिला पायलट बनकर मेडलिन स्वीगल ने रचा इतिहास
उपलब्धि: अमेरिकी नौसेना की एयरविंग में पहली अश्वेत महिला पायलट बनकर मेडलिन स्वीगल ने रचा इतिहास
- 1974 में रोजमैरी मरीनर बनी थीं पहली लड़ाकू विमान की पायलेट
- वर्जीनिया की रहने वाली हैं स्वीगल
- 2017 में यूएस नवल एकेडमी से स्नातक किया
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका में बीते कुछ दिनों से श्वेत और अश्वेत लोगों में फर्क किए जाने को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच अमेरिकी नौसेना में अफ्रीकी मूल की लेफ्टिनेंट मेडलिन स्वीगल ने पहली अश्वेत महिला पायलट बनकर इतिहास रच दिया है। अमेरिकी नौसेना ने अपने एक ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि लेफ्टिनेंट जेजी मेडलिन स्वीगल ने नौसैन्य फ्लाइट स्कूल पूरा किया और इस महीने के अंत में उन्हें फ्लाइट अधिकारी का बैज मिलेगा जिसे विंग्स ऑफ गोल्ड के नाम से जाना जाता है।
इसके अलावा नौसेना वायु प्रशिक्षण कमान ने जानकारी दी कि स्वीगल नौसेना की पहली ज्ञात अश्वेत महिला टैकएयर पायलट हैं। इसके साथ ही उस ट्वीट में मेडलिन स्वीगल कि दो तस्वीरें भी पोस्ट की गईं।
MAKING HISTORY! https://t.co/jKJONHvL7S
— U.S. Navy (@USNavy) July 9, 2020
वर्जीनिया की रहने वाली हैं स्वीगल
‘स्टार्स एंड स्ट्राइप्स’ अखबार के मुताबिक स्वीगल वर्जीनिया के बुर्के की रहने वाली हैं और उन्होंने 2017 में यूएस नवल एकेडमी से स्नातक किया है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें टेक्सास के किंग्सविले में रेडहॉक्स ऑफ ट्रेनिंग स्कवाड्रन 21 की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मालूम हो कि मेडलिन स्वीगल की यह खबर इसलिए भी खास है, क्योंकि पिछले दिनों अमेरिका में अश्वेत नागरिक जार्ज फ्लॉइड की मौत के बाद कई राज्यों में जबरदस्त प्रदर्शन हुए थे और वहां अश्वेत लोगों के अधिकारों के बारे में एक बार फिर बहस छिड़ गई थी।
1974 में रोजमैरी मरीनर बनी थीं पहली लड़ाकू विमान की पायलेट
खबरों के अनुसार स्वीगल की इस उपलब्धि से 45 वर्ष पहले 1974 में रोजमैरी मरीनर लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली महिला बनी थीं।