US Election: अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनेंगे 77 साल के बाइडेन, पेन्सिलवेनिया जीतकर ट्रम्प से जीत छीनी

US Election: अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनेंगे 77 साल के बाइडेन, पेन्सिलवेनिया जीतकर ट्रम्प से जीत छीनी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-07 17:31 GMT
US Election: अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनेंगे 77 साल के बाइडेन, पेन्सिलवेनिया जीतकर ट्रम्प से जीत छीनी
हाईलाइट
  • जोसेफ आर बाइडन जूनियर होंगे अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति
  • 4 दिन चली काउंटिंग के बाद बाइडेन के नाम पर मुहर लगी

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका में 46वें राष्ट्रपति के चयन के लिए हुए चुनाव का परिणाम आ गया है। जो बाइडन यानी जोसेफ आर बाइडन जूनियर संयुक्त राज्य अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुने गए हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडन ने 290 इलेक्टोरल वोट हासिल किए वहीं, उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को 214 वोट मिले। इसके साथ ही 3 नवंबर को चुनाव के बाद शुरू हुई गहमागहमी समाप्त हो गई। 77 साल के बिडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति हैं। NYT के मुताबिक, पेन्सिलवेनिया में जीत के साथ ही उन्होंने बहुमत के लिए जरूरी इलेक्टोरल वोट जुटा लिए। हालांकि, अभी 5 राज्यों में काउंटिंग जारी है।  

एरिजोना और नेवादा में बाइडेन के पास 20 हजार से ज्यादा वोट की बढ़त है। जॉर्जिया में वे 7 हजार से ज्यादा वोट से आगे हैं। वहीं, नॉर्थ कैरोलिना और अलास्का में ट्रम्प आगे चल रहे हैं। बाइडेन के पास 273 इलेक्टोरल वोट हो चुके हैं। राष्ट्रपति बनने के लिए 270 का आंकड़ा चाहिए।

4 दिन चली काउंटिंग के बाद बाइडेन के नाम पर मुहर लगी
3 नवंबर को वोटिंग के बाद से नतीजों साफ नहीं हो रहे थे। 4 दिन चली काउंटिंग के बाद बाइडेन के नाम पर मुहर लगी। तस्वीर साफ होने से कुछ देर पहले तक रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प चुनाव में धोखाधड़ी का आरोप दोहराते रहे। उन्होंने कहा कि काउंटिंग रूम्स के अंदर बुरी बातें हुईं हैं। कड़ी टक्कर वाले पेन्सिलवेनिया राज्य में गलत तरीके से हजारों वोट शामिल किए गए।

PM मोदी ने जो बाइडेन-कमला हैरिस को दी जीत की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडेन को जीत की बधाई दी है। साथ ही भारतीय मूल की कमला हैरिस के उपराष्ट्रपति बनने पर उन्हें भी शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने उम्मीद जताई है कि बाइडेन-हैरिस प्रशासन के साथ भारत-अमेरिका के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे। 

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति बनने जा रहे जो बाइडेन को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, "आपकी शानदार जीत के लिए शुभकामनाएं। बतौर उपराष्ट्रपति भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर दिया गया आपका योगदान सराहनीय रहा। मुझे एक बार फिर भारत-अमेरिका संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में आपके साथ काम करने में खुशी होगी।"

"आपकी चिट्टियों ही नहीं, सारे भारतीय-अमेरिकियों के लिए गर्व का पल"
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में उन्होंने भारतीय मूल की कमला हैरिस को भी उपराष्ट्रपति बनने की बधाई दी है। पीएम मोदी ने लिखा, "आपकी सफलता प्रेरणा देने वाली है। यह न सिर्फ आपकी चिट्टियों (तमिल में- मौसियों) के लिए, बल्कि सभी भारतीय-अमेरिकियों के लिए गर्व का क्षण है। मुझे उम्मीद है कि भारत-अमेरिका संबंध आपके नेतृत्व और सहयोग से नई ऊंचाइयों को छुएंगे।"

बाइडेन की सुरक्षा बढ़ी
फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) के अफसरों ने देर रात बाइडेन से बातचीत की। इस दौरान उनके सलाहकार भी मौजूद थे। अब बाइडेन और उनके परिवार की सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है। व्हाइट हाउस और डेलावेयर में बाइडेन के घर के बाहर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के एजेंट्स मौजूद हैं। नेशनल गार्ड्स की एक टीम भी बाइडेन की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए गए हैं। माना जा रहा है कि बाइडेन के बाद कमला हैरिस और उनके दो सलाहकारों जैक सुलिवान और स्टीव रिचेटी की सुरक्षा भी बढ़ाई जाएगी।

इस चुनाव में साल 1900 के बाद सबसे अधिक वोट पड़े
जीत के बाद बाइडन ने ट्वीट कर कहा कि आपने मुझे अमेरिका जैसे महान देश का नेतृत्व करने के लिए चुना है, इसके लिए मैं आभारी हूं। आगे का काम कठिन होगा, लेकिन मैं आपसे यह वादा करता हूं कि मैं सभी अमेरिकियों के लिए राष्ट्रपति बनूंगा, चाहे आपने मुझे वोट दिया या नहीं। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में साल 1900 के बाद सबसे अधिक वोट पड़े हैं। एक आंकड़े के अनुसार इस चुनाव में बाइडन को जितने वोट मिले हैं (सात करोड़ से ज्यादा), उतने किसी भी राष्ट्रपति को नहीं मिले। 

जीत के लिए बोले बाइडेन- हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है 
हमें याद रखना है कि हमारी राजनीति बेदर्द और खत्म न होने वाली लड़ाई नहीं है। हमारी राजनीति का मकसद राष्ट्र के लिए काम करना है। टकराव को भड़काना नहीं है, बल्कि समस्याओं का समाधान करना है। न्याय की गारंटी देना है। सबको समान अधिकार देने हैं। हमारे लोगों के जीवन स्तर में सुधार करना है। हम प्रतिद्वंद्वी हो सकते हैं लेकिन, हम दुश्मन नहीं हैं। हम अमेरिकी हैं।

सबसे युवा सीनेटर, सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति
अमेरिका के उपराष्ट्रपति भी रहे बाइडन अमेरिकी इतिहास में सबसे युवा सीनेटरों में से एक रहे हैं। वहीं, 77 साल के बाइडन अब अमेरिकी इतिहास के सबसे अधिक आयु वाले राष्ट्रपति भी बन गए हैं। बाइडन का जन्म 20 नवंबर 1942 को पेंसिल्वेनिया के स्क्रैंटन में हुआ था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में 2009 से 2017 तक अमेरिका के 47वें उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा दी थी।

कमला हैरिस ने बनाया इतिहास
अमेरिका के इस ऐतिहासिक चुनाव में भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस ने भी इतिहास रच दिया है। हैरिस को जो बाइडन ने अपना रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित किया था। इस जीत के साथ ही हैरिस पहली ऐसी महिला बन गई हैं जो अमेरिका के उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होंगी। इसके साथ ही वह पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई उपराष्ट्रपति होंगी।

काम नहीं आए डोनाल्ड ट्रंप के "टोटके"
डोनाल्ड ट्रंप ने मतगणना की धांधली को लेकर आरोप लगाए थे। एक बार तो उन्होंने मतगणना जारी रहने के दौरान ही चुनाव जीतने की बात कह दी थी। जिसके बाद कई हस्तियों ने उनकी आलोचना की थी। ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि हम इस चुनाव को जीतने जा रहे हैं, सही कहूं तो हम यह चुनाव जीत गए हैं। ट्रंप ने यह बयान तब दिया था जब लाखों मतों की गणना बाकी थी। इस चुनाव को अमेरिकी इतिहास का सर्वाधिक विभाजक और कटु चुनावों में से एक बताया गया है।

 

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