जोखिम वाले 22,000 अफगानों को निकालने का बाइडेन का वादा पूरा होने में तालिबान बाधक
Afghanistan जोखिम वाले 22,000 अफगानों को निकालने का बाइडेन का वादा पूरा होने में तालिबान बाधक
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी सरकार के साथ काम कर रहे 20,000 से अधिक जोखिम वाले अफगानों को संकटग्रस्त देश से निकालने का राष्ट्रपति जो बाइडेन का वादा पूरा होने में तालिबान बाधक बन गया है। कई व्यक्तियों को एयरपोर्ट तक पहुंचने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
इनमें से कुछ व्यक्ति अभी भी प्रांतों में हैं और उन्हें काबुल पहुंचने से पहले कई तालिबानी चौकियों से गुजरना पड़ता है। जो लोग काबुल में हैं, उनमें से कई एयरपोर्ट तक पहुंचने में असमर्थ हैं, क्योंकि वे बंदूकधारी तालिबान लड़ाकों से लड़कर आगे नहीं बढ़ सकते। तालिबान ने महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अवरोध स्थापित किए हैं।
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलियाई सरकार के साथ काम करने वाले एक अफगान दुभाषिया को बुधवार सुबह पैर में गोली मार दी गई, जब वह अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया के लिए एक सैन्य विमान में सवार होने के लिए हवाईअड्डे पर जा रहा था।
द गार्जियन को भेजे गए ऑडियो संदेशों में काबुल हवाईअड्डे के अंदर तैनात ऑस्ट्रेलियाई कर्मियों और उनके अनुवादकों की आवाजें शामिल हैं, जो वीजा धारकों को क्षेत्र में नहीं आने की चेतावनी देते हैं। तस्वीरों में दिखाया गया है कि पैर में गोली लगने से घायल हुए अफगान नागरिक का इलाज किया जा रहा है।
नाटो महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने सीएनएन को दिए एक साक्षात्कार में स्वीकार किया कि जोखिम वाले अफगानों को काबुल हवाईअड्डे तक पहुंचने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नाटो तालिबान नेतृत्व के संपर्क में है, ताकि ऐसे लोगों को हवाईअड्डे पर आने दिया जा सके।
काबुल में भारतीय दूतावास के कर्मचारियों को भी एक दिन के लिए रोक दिया गया, क्योंकि वे सोमवार को काबुल हवाईअड्डे तक नहीं पहुंच सके थे, लेकिन अंतत: तालिबान नेतृत्व के साथ संपर्क स्थापित किया गया, ताकि वे मंगलवार को हामिद करजई हवाईअड्डे पर भारतीय वायुसेना के विमान में सवार हो सकें। सशस्त्र तालिबान लड़ाके भारतीय दल को हवाईअड्डे तक ले गए थे।
काबुल में सीएनएन के मुख्य संवाददाता ने पुष्टि की कि जोखिम वाले अफगान डरे हुए हैं और हवाईअड्डे तक पहुंचने में समस्या का सामना कर रहे हैं।
तालिबान नागरिकों के लिए एक सुरक्षित मार्ग देने के लिए सहमत हो गया है। तालिबान यह भी जानता है कि दुनिया देख रही है और अपने पहले के शासन की तुलना में बहुत अधिक समझदार हो गई है, जैसा कि मंगलवार को काबुल में आयोजित पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा गया था।
एक अमेरिकी अधिकारी ने रायटर को बताया कि विशेष प्रवासी वीजा (एसआईवी) प्रक्रिया से गुजरने वालों को बाहर निकालने की योजना में कामयाबी के लिए बहुत सी चीजों को 100 प्रतिशत सही ढंग से करना पड़ता है। पेंटागन ने 22,000 एसआईवी आवेदकों, उनके परिवारों और अन्य जोखिम वाले लोगों को निकालने की योजना तैयार की थी।
बाइडेन ने जुलाई में जोखिम वाले अफगानों को निकालना शुरू करने के अपने इरादे की घोषणा की थी, जिसके बाद केवल 2,000 अफगानों को संयुक्त राज्य में भेजा गया है।
रॉयटर्स ने अमेरिकी अधिकारी का हवाला देते हुए कहा, यह एक अच्छा लक्ष्य है, लेकिन वास्तविक रूप से यह एक चुनौती बनने जा रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को कहा कि व्हाइट हाउस को हवाईअड्डे के बाहर लोगों को पीटे जाने की खबरें मिली थीं, हालांकि तालिबान नागरिकों को सुरक्षित मार्ग की अनुमति देने के लिए सहमत हो गया था।
निकासी मिशन की समय सीमा 31 अगस्त है, इसलिए यह समय के खिलाफ एक दौड़ प्रतीत होती है। लेकिन, निश्चित रूप से अंतिम तिथि बढ़ाने की संभावना हमेशा बनी रहती है।
(यह सामग्री इंडिया नैरेटिव के साथ एक व्यवस्था के तहत प्रस्तुत है)
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