श्रीलंका : राष्ट्रपति के आदेश के बावजूद पुलिस प्रमुख का इस्तीफा देने से इनकार
श्रीलंका : राष्ट्रपति के आदेश के बावजूद पुलिस प्रमुख का इस्तीफा देने से इनकार
- पुलिस प्रमुख ने राष्ट्रपति के आदेश को नकार दिया है और पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
- बम ब्लास्ट के बाद से राष्ट्रपति सिरीसेना और पीएम विक्रमसिंघे की कड़ी आलोचना की जा रही है।
- राष्ट्रपति सिरीसेना ने बम धमाकों के बाद पुलिस प्रमुख से पद छोड़ने को कहा था।
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका में ईस्टर के मौके पर हुए सीरियल बम ब्लास्ट के बाद से देश में इमरजेंसी जैसे हालात बने हुए हैं। राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की कड़ी आलोचना की जा रही है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति सिरीसेना ने बम धमाकों के बाद पुलिस प्रमुख से पद छोड़ने को कहा था। हालांकि पुलिस प्रमुख ने राष्ट्रपति के आदेश को नकार दिया है और पद छोड़ने से इनकार कर दिया है।
राष्ट्रपति कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार सिरीसेना ने पुलिस महानिरीक्षक पुजित जयसुंदरा और रक्षा सचिव हेमिसिरी फर्नांडो पर हमलों की अग्रिम चेतावनी उनके साथ साझा नहीं करने के लिए दोषी ठहराया। इसके बाद फर्नांडो ने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जयसुंदरा ने इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, जयसुंदरा ने राष्ट्रपति के अनुरोध के बावजूद इस्तीफा देने से इनकार कर दिया। श्रीलंका के संविधान के तहत, केवल संसद ही पुलिस चीफ को एक लंबी प्रक्रिया से हटा सकती है। ऐसा पुलिस प्रमुख को राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाने के लिए किया गया है।
राष्ट्रपति ने मंगलवार को स्वीकार किया था कि उनसे सुरक्षा में चूक हुई थी। उन्होंने कहा था कि वह सुरक्षा पदों में तत्काल बदलाव करेंगे, क्योंकि उनके द्वारा जिम्मेदारियों को निभाने में लापरवाही हुई थी। इसको लेकर राष्ट्रपति सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच मतभेद की खबरें भी सामने आई थी, क्योंकि जयसुंदरा की नियुक्ती पीएम विक्रमसिंघे ने की थी। सूत्रों के अनुसार जयसुंदरा ने राष्ट्रपति के फोन या ईमेल का जवाब नहीं दिया। पुलिस विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जयसुंदरा ने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन वह शनिवार को काम पर नहीं आए।
बता दें कि श्रीलंका में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में 350 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ ईराक एंड सीरिया (ISIS) ने इस हमल की जिम्मेदारी ली थी।