Russia: अलेक्सेई नवालनी को जहर दिया गया नहीं? वेस्ट के दबाव में रूस ने की प्रारंभिक जांच की घोषणा
Russia: अलेक्सेई नवालनी को जहर दिया गया नहीं? वेस्ट के दबाव में रूस ने की प्रारंभिक जांच की घोषणा
डिजिटल डेस्क, मॉस्को। क्या रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधी नेता अलेक्सेई नवालनी को जहर दिया गया है? अलेक्सई का इलाज करने वाले जर्मनी के डॉक्टरों ने टेस्ट के आधार पर उन्हें जहर दिए जाने की बात कही है। जबकि रूसी सरकार इस बात से साफ तौर पर इनकार कर रही है। हालांकि वेस्ट के दबाव में रूसी पुलिस ने इस मामले की प्रारंभिक जांच शुरू करने की घोषणा की है।
अलेक्सेई नवालनी के सहयोगियों ने जोर देकर कहा कि उन्हें जानबूझकर जहर दिया गया था और इसके पीछे क्रेमलिन का हाथ है। नवलनी की टीम ने पिछले हफ्ते रूस की जांच कमेटी को एक अनुरोध प्रस्तुत किया था, जिसमें अधिकारियों से इस मामले की अपराधिक जांच शुरू करने की मांग की थी। लेकिन अधिकारी जांच शुरू करने के लिए अनिच्छुक दिखाई दिए थे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने सोमवार को कहा था, जब तक नवालनी की इस स्थिति की वजह का पता नहीं चल जाता तब तक उन्हें क्रिमनिल केस का कोई आधार दिखाई नहीं दे रहा है।
क्या है मामला?
ये बात 20 अगस्त 2020 की है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन विरोधी रूस के बड़े नेता अलेक्सेई नवालनी साइबेरिया के टॉम्स्क शहर से एक विमान मॉस्को जा रहे थे। विमान को उड़ान भरे अभी कुछ ही वक्त हुआ था कि उन्होंने तबीयत खराब होने की शिकायत की। मामला गंभीर था, इसलिए प्लेन की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। साइबेरिया के ही दूसरे शहर ऑम्स्क में ये लैंडिंग हुई। अलेक्सेई को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो मालूम चला कि उन्हें ज़हर दिया गया है। शक जताया गया कि टॉम्स्क एयरपोर्ट के कैफे में अलेक्सेई ने चाय पी थी। उसी चाय में ज़हर मिलाकर पिलाया गया। इसके बाद जर्मनी ने एयर एबुलेंस भेजी और उन्हें इलाज के लिए जर्मनी ले जाया गया।
बर्लिन के चेरिटे अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स को उनके सिस्टम में "चोलिनेस्टरेज़ इनहिबिटर्स" के संकेत मिले हैं। हालांकि अस्पताल ने अभी तक किसी विशिष्ट पदार्थ की पहचान नहीं की है। चोलिनेस्टरेज़ इनहिबिटर्स कुछ दवाओं, किटनाशकों और कैमिकल नर्व एजेंट में पाए जाते हैं। ये शरीर में एक प्रमुख रसायन acetycholine के ब्रेकडाउन को ब्लॉक रकर देता है। acetycholine नर्व सेल के बीच में सिग्नल ट्रांसमिट करते हैं।
कौन है अलेक्सेई?
पेशे से वकील रहे अलेक्सेई का रूस की राजनीति में उभार 2008 से दिखता है। उन्होंने रूस सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलना शुरू किया और एक नेशनलिस्ट नेता के तौर पर अपनी छवि बनाना शुरू की। उन्होंने सरकार के कॉन्ट्रैक्ट्स में फ्रॉड के मामले उजागर किए। 2011 में अलेक्सेई ने एंटी करप्शन फाउंडेशन नाम का संगठन बनाया। इसके जरिए वह सरकारी भ्रष्टाचार पर पुतिन को सीधे ललकारने लगे। 2013 में उन्होंने मॉस्को में मेयर का चुनाव लड़ा लेकिन पुतिन के उम्मीदवार से हार गए। हारने पर उन्होंने कहा कि चुनाव में धांधली हुई है। उसके बाद उन पर केस लगते गए। एक केस में 5 साल की सजा हुई। दूसरे केस में साढ़े तीन साल की सजा हुई। कुछ साल वो जेल में रहे फिर घर पर नज़रबंद कर दिया गया।
2016 में जब वो बाहर आए तो प्रदर्शन आयोजित कराने लगे। 2017 में उन्हें पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए तीन बार जेल हुई। 2018 में रूस में राष्ट्रपति का चुनाव होना था। पुतिन को मात देने के लिए अलेक्सेई तैयारी कर रहे थे। लेकिन रूस के चुनाव आयोग ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। अलेक्सेई चुनाव नहीं लड़ पाए लेकिन पुतिन के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखे। जुलाई 2019 में मॉस्को के सिटी हॉल में प्रदर्शन बुलाने के लिए उन्हें एक महीने की कैद हुई। अक्टूबर 2019 में उनके संगठन एंटी करप्शन फाउंडेशन को विदेशी एजेंट घोषित किया और बैन लगा दिया गया। उनके दफ्तरों पर छापे मारे गए और मॉस्को छोड़ने पर भी कुछ दिन के लिए बैन लगा दिया गया।