Nepal: नेपाल पीएम ओली की बची कुर्सी, राष्ट्रपति से मुलाकात की, दोनों सदनों के वर्तमान सत्र स्थगित
Nepal: नेपाल पीएम ओली की बची कुर्सी, राष्ट्रपति से मुलाकात की, दोनों सदनों के वर्तमान सत्र स्थगित
- नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है
- मंत्रिमंडल की सिफारिश पर दोनों सदनों के वर्तमान सत्र स्थगित
- लगातार उठ रही इस्तीफे की मांग के बीच पीएम ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
डिजिटल डेस्क, काठमांडू। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। लगातार उठ रही इस्तीफे की मांग के बीच गुरुवार को पीएम ओली ने शीतल निवास में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कैबिनेट बैठक में मौजूदा बजट सेशन को रद्द करने का फैसला लिया। 8 मई को शुरू हुआ बजट सत्र फेडरल पार्लियामेंट का छठा सत्र है। राष्ट्रपति ने कहा कि "मैंने मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार गुरुवार शाम 5 बजे से नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 93 (2) के तहत दोनों सदनों के वर्तमान सत्र को स्थगित कर दिया है।" सत्र के टलने से अब, उनके स्वयं के सांसद अविश्वास प्रस्ताव नहीं ला पाएंगे। इससे, फिलहाल के लिए उनकी कुर्सी बच गईं है।
सुबह 9 बजे
प्रधानमंत्री केपी ओली के समर्थकों ने एनसीपी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल के आवास के लिए निकले। इनमें पूर्व सभापति सुभाष निंबांग, रक्षा मंत्री ईश्वोर पोखरेल, विदेश मंत्री प्रदीप ग्यावली, प्रांत 5 के मुख्यमंत्री शंकर पोखरेल, सलाहकार बिष्णु रिमल और गंडकी प्रांत के मुख्यमंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग शामिल थे। उनका मुख्य एजेंडा दहल और ओली के बीच टकराव को कम करने और संकट को दूर करने की कोशिश करना था।
11 बजे
प्रधानमंत्री केपी ओली बालूवतार से महरगंज में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के सरकारी आवास पर मिलने के लिए गए। इस दौरान केपी ओली ने संसद के बजट सत्र को स्थगित करने की अपनी योजनाओं के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। वैसे राष्ट्रपति भंडारी की एक न्यूट्रल भूमिका है, लेकिन उन्हें एक मजबूत ओली समर्थक माना जाता है।
12 बजे
दोपहर के समय, प्रधानमंत्री केपी ओली ने एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई, जहां उन्होंने प्रस्ताव दिया कि संसद के बजट सत्र को स्थगित किया जाए। सत्र को स्थगित करने की वजह उन्होंने काठमांडू में तेजी से फैल रहे कोरनावायरस के संक्रमण को बताया। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एमसीसी और नागरिकता बिल को छोड़कर मेज पर कोई बड़ा एजेंडा नहीं है। इन दोनों पर चर्चा की जरुरत है। कैबिनेट ने आसानी से इस पर सहमति व्यक्त की, और संसद ने अपना वर्तमान सत्र शाम 5 बजे समाप्त कर दिया।
सदस्यों ने मांगा केपी ओली का इस्तीफा
इससे पहले बुधवार को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) की स्थायी समिति की बैठक के दौरान ज्यादातर सदस्यों ने ओली के इस्तीफे की मांग की थी। प्रचंड, माधव नेपाल, झलनाथ खनाल और बामदेव गौतम सहित अन्य सीनियर नेताओं ने प्रधानमंत्री से विभिन्न मुद्दों पर उनकी "विफलता" का हवाला देते हुए पद से हटने को कहा। बता दें कि कई मौकों पर केपी ओली को भारत विरोधी बयान देते हुए सुना गया। इसके बाद ही उन्हें लगातार विरोध का सामना करना पड़ रहा था। चीन ने नेपाल के एक गांव पर भी अपना कब्जा जमा लिया है जिसके चलते ही ओली का विरोध किया जा रहा है।
वहीं द हिमालयन टाइम्स के अनुसार, मंगलवार को आयोजित NCP की स्थायी समिति की बैठक में ओली के भारत के खिलाफ दिए हालिया विवादास्पद बयानों को लेकर टकराव देखने को मिला। केपी ओली ने कोरोना वायरस से खतरनाक वायरस भारत से आने वाला वायरस जैसा बयान दिया था। वहीं उन्होंने भारत पर उनकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भी कहा था कि ऐसे बयान भारत से संबंध बिगाड़ सकते हैं। इन सबके बीच नेपाल का चीन के प्रति मोह भी बढ़ता गया और लगातार वह चीन की चाल में फंसता गया।