राजपक्षे को श्रीलंका छोड़ने से रोकने के लिए बढ़ा दबाव
श्रीलंका राजनैतिक संकट राजपक्षे को श्रीलंका छोड़ने से रोकने के लिए बढ़ा दबाव
सुसिता फर्नांडो
डिजिटल डेस्क, कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे बुधवार को पद छोड़ने वाले हैं। इस बीच अदालत ने फैसला सुनाया है कि गोटबाया और उनके दो भाइयों पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को देश छोड़ने से रोका जाए। दो-तिहाई सिंहल बौद्ध बहुमत के साथ, गोटबाया को 2019 में पांच साल के कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।
शनिवार को अपने आधिकारिक आवास और कार्यालय में आंदोलन और सार्वजनिक हंगामे के बीच राष्ट्रपति ने आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी कि वह बुधवार को अपना पद छोड़ देंगे। मंगलवार को, तीन नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने एक मौलिक अधिकार याचिका दायर की, जिसमें तीनों राजपक्षे बंधुओं के साथ ही सेंट्रल बैंक के पूर्व गवर्नर अजीत निवार्ड काबराल को श्रीलंका छोड़ने से रोकने के लिए अदालत के आदेश की मांग की गई थी, जो कि कथित तौर पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार हैं।
मंगलवार की तड़के, बासिल राजपक्षे, जो दुबई के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका जाने का प्रयास कर रहे थे, जहां उनके पास रेजिडेंट वीजा है, को जनता और आव्रजन अधिकारियों ने रोक दिया। यह दावा करते हुए कि संदिग्ध भ्रष्ट रिकॉर्ड वाले राजनेता देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, श्रीलंका इमिग्रेशन एंड इमिग्रेशन ऑफिसर्स एसोसिएशन (एसएलआईईओए) के अधिकारी मंगलवार को वीवीआईपी टर्मिनल पर अपनी ड्यूटी से हट गए।
श्रीलंका, जो अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, अब राजनीतिक गतिरोध का सामना कर रहा है और फिलहाल देश को संकट से निकालने के लिए कोई नेता नहीं है। 90 से अधिक दिनों के सार्वजनिक आंदोलन में, श्रीलंका के लोगों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, उनके छोटे भाई बासिल राजपक्षे और पूरे मंत्रिमंडल को हटाने के लिए कड़ा संघर्ष किया है और वे पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री के रूप में बदलने को लेकर आश्वस्त हैं।
इससे पहले 9 जुलाई को, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर कब्जा कर लिया था और इस प्रकार लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से सरकार पर ही अपना कब्जा स्थापित कर लिया। प्रदर्शनकारियों ने जनता को पुरातात्विक रूप से मूल्यवान इमारतों और कलाकृतियों के साथ औपनिवेशिक युग की इमारत को अंदर से देखने की अनुमति दी, जहां दूर-दराज के हजारों लोग भी स्वतंत्र रूप से घूमते दिखाई दिए।
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास के हरे-भरे लॉन के दोनों ओर जनता के लिए खाना बनाया, जबकि अन्य लोगों ने म्यूजिक का आनंद लिया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के घर आने वालों को भोजन बांटने की भी व्यवस्था की और कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अपनी सीट छोड़ने के बाद वे सार्वजनिक परिसर खाली कर देंगे।
(आईएएनएस)
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.