UNGA में इमरान ने दी परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी, कश्मीर का रोना रोया
UNGA में इमरान ने दी परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी, कश्मीर का रोना रोया
- इमरान ने कहा- कश्मीर में होता तो मैं भी बंदूक उठा लेता
- वहां कर्फ्यू हटते ही रक्तपात होगा
- भारत अब यूएनजीए में इमरान के भाषण को लेकर राइट टू रिप्लाई का उपयोग करेगा
- यूएनजीए में इमरान खान ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी दी और कश्मीर का रोना रोया
डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में इमरान खान ने एक बार फिर परमाणु युद्ध की गीदड़ भभकी दी और कश्मीर का रोना रोया। इमरान खान ने कहा- "कश्मीर में होता तो मैं भी बंदूक उठा लेता, वहां कर्फ्यू हटते ही रक्तपात होगा।" इतना ही नहीं इमरान ने अपने भाषण में धर्म को भी घसीटा। इमरान ने कहा, 9/11 से पहले हिंदू श्रीलंका में आतंकवादी हमले करते थे। उन पर कोई इल्जाम नहीं लगाता। 9/11 के बाद दुनिया में इस्लामोफोबिया तेजी से फैला। भारत अब यूएनजीए में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के भाषण को लेकर राइट टू रिप्लाई का उपयोग करेगा।
इमरान खान ने अपने भाषण में सबसे पहले जलवायु परिवर्तन का जिक्र किया। इमरान ने कहा, पाकिस्तान टॉप 10 देशों में है, जो जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हैं। हम कृषि प्रधान देश हैं और 80 प्रतिशत पानी ग्लेशियर से आता है। ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं। अगर यह नहीं रुका तो मानवता बहुत बड़ी त्रासदी का सामना करेगी। इमरान ने कहा, "हमारा देश इस दिशा में काम कर रहा है, लेकिन एक देश कुछ नहीं कर सकता। संयुक्त राष्ट्र को इस दिशा में अगुवाई करनी चाहिए।
इमरान खान ने कहा, "9/11 के बाद इस्लामोफोबिया बढ़ा है। इससे अलगाव हुआ है। हिजाब पहनना भी एक मुद्दा बन गया है जैसे कि यह हथियार है। यह कैसे हो रहा है? यह कैसे शुरू हुआ? 9/11 के बाद, क्योंकि कुछ लोगों ने आतंकवाद को इस्लाम से जन्मा बताया। कट्टरपंथी इस्लाम से जोड़ दिया। न्यूयॉर्क, यूरोप में बैठा कोई शख्स ये कैसे कह सकता है कि ये मॉडर्न इस्लाम है और ये रेडिकल इस्लाम है। आतंकवाद का किसी भी धर्म से संबंध नहीं होता है। इस्लामोफोबिया ने मुस्लिमों के दिलों में दर्द पैदा किया है।
कश्मीर का जिक्र करते हुए इमरान ने जमकर झूठ बोला और कहा, "मोदी को क्या लगता है कि कश्मीर के लोग इसको शांति से स्वीकार कर लेंगे। कश्मीर में लोगों का कत्ल हुआ है। दुनिया ने कुछ नहीं किया क्योंकि भारत एक बड़ा बाजार है। मैं फिर कहना चाहता हूं, देखें, क्या होने जा रहा है। कर्फ्यू हटते ही खून की होली होगी। मोदी कहते हैं कि उन्होंने यह विकास के लिए किया है।
जब लोग बाहर निकलेंगे तो सुरक्षाबल क्या करेंगे? किसी ने क्या कभी सोचा है कि जब खून की होली होगी तो क्या होगा? कश्मीर के लोगों का क्या होगा? उन्हें घरों में कैद करके जानवरों जैसा व्यवहार होता है। कश्मीरी और ज्यादा कट्टर हो जाएंगे। फिर एक और पुलवामा होगा और भारत हम पर आरोप लगाएगा।"
इमरान खान ने कहा, "मैं सोचता हूं कि मैं कश्मीर में होता और 55 दिनों से बंद होता, तो मैं भी बंदूक उठा लेता। अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो आप लोगों को कट्टर बना रहे हैं। मैं फिर कहना चाहता हूं कि यह क्रिटिकल टाइम है। इससे पहले कि हम परमाणु युद्ध की तरफ जाएं, यूएन की जिम्मेदारी है कि कुछ करे।"