काबुल की तरफ तेजी से बढ़ रहा तालिबान, भारत सरकार ने जर्नलिस्टों के लिए जारी की सिक्योरिटी एडवाइजरी

Afghanistan काबुल की तरफ तेजी से बढ़ रहा तालिबान, भारत सरकार ने जर्नलिस्टों के लिए जारी की सिक्योरिटी एडवाइजरी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-08-12 19:04 GMT
काबुल की तरफ तेजी से बढ़ रहा तालिबान, भारत सरकार ने जर्नलिस्टों के लिए जारी की सिक्योरिटी एडवाइजरी
हाईलाइट
  • तालिबान का अफगानिस्तान में तीन और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा
  • देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर हेरात भी शामिल
  • भारत ने अपने नागरिकों के लिए एक सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी की

डिजिटल डेस्क, काबुल। तालिबान ने गुरुवार को अफगानिस्तान में तीन और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया, जिसमें देश का तीसरा सबसे बड़ा शहर हेरात भी शामिल है। तालिबान अब राजधानी काबुल की ओर बढ़ रहा है। भारत ने युद्धग्रस्त देश में अपने नागरिकों के लिए एक सिक्योरिटी एडवाइजरी जारी की है। विशेष रूप से पत्रकारों के लिए।

काबुल में भारतीय दूतावास ने कहा कि हालिया घटनाओं से पता चलता है कि भारतीय नागरिक दूतावास की सुरक्षा सलाह पर ध्यान नहीं दे रहे हैं और खुद को खतरे में डाल रहे हैं। एडवाइजरी में कहा गया, "हाल ही में एक मामला सामने आया है जिसमें सरकारी बलों के नियंत्रण से बाहर के क्षेत्र में एक डैम साइट पर तीन भारतीय इंजीनियरों का इमरजेंसी एयर रेस्क्यू करना पड़ा।" सभी भारतीय नागरिकों से समय-समय पर जारी सिक्योरिटी एडवाइजरी का पूरी तरह से पालन करने का आग्रह किया गया है।

ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए अफगानिस्तान पहुंचने वाले भारतीय पत्रकारों से दूतावास ने कहा कि उन्हें देश में अपने प्रवास और आवाजाही के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी जाती है। एडवाइजरी में कहा गया है कि भारतीय पत्रकारों को अच्छी तरह से स्थापित सुरक्षा लॉजिस्टिक फर्मों की पहचान करनी चाहिए जो देश में उनके ठहरने और आवाजाही के लिए आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था कर सकें।

इसमें कहा गया है, सभी भारतीय नागरिकों को एक बार फिर से दूतावास https://eoi.gov.in/kabul या ईमेल द्वारा paw.kabul@mea.gov.in पर अपना रजिस्ट्रेशन कराने की सलाह दी जाती है।

उधर, अफगानिस्तान की सरकार ने देश में जारी हिंसा को समाप्त करने के बदले तालिबान के साथ सत्ता शेयर करने की पेशकश की है। एएफपी की एक रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से ये दावा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कतर में अफगान सरकार के वार्ताकारों ने तालिबान को पावर-शेयरिंग डील की पेशकश की थी।

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