इमरान खान की कुर्सी छीनने की कोशिशें तेज , जानिए इमरान की विदाई के लिए विपक्ष ने बनाई है क्या रणनीति, सरकार में भागीदार पार्टी भी दे सकती है धोखा
इमरान खान की उल्टी गिनती शुरू! इमरान खान की कुर्सी छीनने की कोशिशें तेज , जानिए इमरान की विदाई के लिए विपक्ष ने बनाई है क्या रणनीति, सरकार में भागीदार पार्टी भी दे सकती है धोखा
- सरकार गिरती है या फिर इमरान खान सरकार बचाने में कामयाब होते हैं।
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी में खतरा मंडराने लगा है। पाक में इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने कि लिए वहां कि सभी विपक्षी पार्टियां एक हो गयीं हैं। यही नहीं अब तो MQM-P पीटीआई के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में हिस्सा रही पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के प्रमुख फजलुर रहमान ने दावा किया कि वह गठबंधन सरकार से बाहर निकलने को तैयार है। फजलुर रहमान के बयान के बाद से ही माना जा रहा है कि इमरान सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
दरअसल मंगलवार को कराची में MQM-P के संयोजक खलील मकबूल सिद्दीकी के साथ रहमान ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया कि पार्टी इस संबंध में एक दो दिनों में ही औपचारिक घोषणा करेगी।
जियो न्यूज के अनुसार पीडीएम के प्रमुख ने कहा है कि "वे (MQM-P) घोषणा करेंगे कि वे एक या दो दिन में हमारे साथ हैं। MQM-P नेतृत्व से मुलाकात के बाद, मैं पूरी तरह से संतुष्ट हूं कि अविश्वास प्रस्ताव सफल होगा।" इसके साथ ही पीडीएम प्रमुख ने कहा है कि MQM-P विपक्षी गठबंधन के प्रमुख नेताओं के द्वारा दिए गए सुझाव और उनकी राय को महत्व देता है क्योंकि इमरान खान के खिलाफ उनके सुझाव ही "अविश्वास प्रस्ताव" में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इन मुद्दों पर नाराजगी
इमरान खान सरकार पर पाकिस्तान में बढ़ती मंहगाई और बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर जनता और विपक्षी पार्टियां लगातार सवाल खड़े कर रही है। यही नहीं इमरान खान की विदेश नीति पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें मुख्य विपक्षी दलों ने इमरान खान के खिलाफ 8 मार्च को अविश्वास प्रस्ताव दायर किया था। 342 सदस्य वाली नेशनल असेंबली में पीटीआई के पास 155 सदस्य हैं। वहीं, विपक्ष के पास कुल 162 सीटें हैं। हालांकि इसलिए इमरान खान सरकार को गिराने के लिए 342 में से कम से कम 172 वोटों की जरूरत होती है। यही वजह है कि विपक्ष पीएमएल (क्यू), बीएपी और MQM-P से लगातार बातचीत कर रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि सरकार गिरती है या फिर इमरान खान सरकार बचाने में कामयाब होते हैं।
पाकिस्तान में हर सरकार बेहाल
बता दें पाकिस्तान में किसी भी प्रधानमंत्री की किस्मत इतनी तेज नहीं रही की वह अपने 5 साल का कार्यकाल पूरा कर पाए। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर्स मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दोषी ठहराने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यहां पर कई प्रधानमंत्रियों को कार्यकाल पूरा करने के कुछ माह पहले ही पद छोड़ना पड़ा तो वहीं किसी को कुछ ही दिन यहां कुर्सी पर बैठने का मौका मिल पाया। 1971 में प्रधानमंत्री बने नुरुल अमीन को केवल 13 बाद ही इस्तीफा देना पड़ा था।