भारत के साथ संघर्ष का जवाब देने के लिए तैयार हो रही है चीन की पश्चिमी थियेटर कमान
अलगाववाद और आतंकवाद भारत के साथ संघर्ष का जवाब देने के लिए तैयार हो रही है चीन की पश्चिमी थियेटर कमान
- वेस्टर्न थियेटर कमांड चीन के भीतर सबसे बड़ी थिएटर कमान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वेस्टर्न थियेटर कमांड चीन की मध्य एशियाई सीमाओं पर भारत और आतंकवाद रोधी अभियानों की ओर उन्मुख है। वेस्टर्न थियेटर कमांड भौगोलिक रूप से चीन के भीतर सबसे बड़ी थिएटर कमान है। इस पर भारत के साथ संघर्ष और पश्चिमी चीन में आतंकवादी और विद्रोही खतरों से निपटने की जिम्मेदारी है। पश्चिमी थिएटर कमांड के भीतर स्थित पीएलए यूनिट्स में दो समूह सेनाएं, दो सैन्य जिले, तीन वायु सेना के ठिकाने और एक रॉकेट फोर्स बेस शामिल हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शिनजियांग संचालन के लिए जिम्मेदार पीएपी यूनिट्स भी पश्चिमी थिएटर कमांड के नियंत्रण में होने की संभावना है। चीन के भीतर, पश्चिमी थियेटर कमांड झिंजियांग और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्रों पर केंद्रित है। जहां सीसीपी अलगाववाद और आतंकवाद के एक उच्च खतरे को मानता है। खासकर शिनजियांग में उइगर आबादी के बीच यह खतरा व्याप्त है। अमेरिकी विदेश विभाग की 2020 कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेज के अनुसार पीआरसी में शिनजियांग में मुख्य रूप से उइगर मुस्लिम और अन्य जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ वर्ष के दौरान नरसंहार देखने को मिला है और मानवता के खिलाफ अपराध हुए हैं।
अधिकारियों को धार्मिक और जातीय पहचान को मिटाने के लिए डिजाइन किए गए अतिरिक्त न्यायिक शिविरों में दस लाख से अधिक उइगर, जातीय कजाख, किर्गिज और अन्य मुसलमानों को मनमाने ढंग से हिरासत में लेने की सूचना मिली थी। पीआरसी के सरकारी अधिकारियों ने आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के बहाने शिविरों को सही ठहराया।
मई 2020 की शुरूआत में भारत-चीन सीमा पर तनाव पैदा हो गया था। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पीआरसी और भारतीय गश्ती दल के बीच जून 2020 में हुई हिंसक झड़प में दोनों तरफ से कई जवान शहीद हो गए थे और यह 45 वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे हिंसक झड़प थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बीच पश्चिमी थियेटर कमान ने ही एलएसी के साथ बड़े पैमाने पर पीएलए बलों की लामबंदी की और सुरक्षा बलों की तैनाती का नेतृत्व किया। गतिरोध के दौरान पीआरसी के अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने पर भी जोर दिया है और सीमा की स्थिरता को बनाए रखने और भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाने से रोकने पर भी जोर दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीआरसी अधिकारियों ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत के साथ पीआरसी के संबंधों में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी दी है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद चीन ने एलएसी पर अपने दावों पर जोर देने के लिए सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है। इसने यह भी कहा कि चीन अपने पड़ोसियों विशेष रूप से भारत के साथ आक्रामक और बलपूर्वक व्यवहार कर रहा है।
(आईएएनएस)