प्रमुख साद रिजवी को पाकिस्तान की आतंकी सूची से हटाया गया
टीएलपी प्रमुख साद रिजवी को पाकिस्तान की आतंकी सूची से हटाया गया
- एटीए कानून के तहत टीएलपी को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख हाफिज साद हुसैन रिजवी का नाम चौथी अनुसूची से हटा दिया है जो आतंकवाद रोधी अधिनियम (एटीए), 1997 के तहत आतंकवाद या संप्रदायवाद से जुड़े संदिग्ध व्यक्तियों की अनुसूची है। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने अपनी एक हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी है।
पंजाब के गृह विभाग द्वारा 10 नवंबर को जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, हाफिज मोहम्मद साद का नाम, एक प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के अमीर होने के नाते, जिला खुफिया समिति, लाहौर की सिफारिशों पर धारा 11-ई के तहत आतंकवाद रोधी अधिनियम, 1997 की चौथी अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया था।
इसमें बताया गया कि सरकार ने हाल ही में 7 नवंबर को प्रतिबंधित संगठन के रूप में टीएलपी को अधिनियम की पहली अनुसूची से हटा दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है हाफिज मोहम्मद साद का नाम आतंकवाद रोधी अधिनियम, 1997 की चौथी अनुसूची की लिस्ट से तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है।
पुलिस ने इस साल 12 अप्रैल को टीएलपी द्वारा नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले रिजवी को गिरफ्तार किया था। अगले दिन पुलिस ने टीएलपी प्रमुख के खिलाफ एटीए की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।कुछ ही समय बाद 16 अप्रैल को उसका नाम चौथी अनुसूची में रखा गया।देशभर में समूह के कार्यकर्ताओं द्वारा तीन दिनों के हिंसक विरोध के बाद सरकार ने इस साल अप्रैल में आतंकवाद रोधी कानून के तहत टीएलपी को एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया था।
बता दें कि टीएलपी के विरोध प्रदर्शन के दौरान काफी हिंसा देखने को भी मिली थी, जिसमें कई सुरक्षा बल मारे गए थे और कुछ घायल भी हो गए थे। पाकिस्तान के कई विद्वान और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से टीएलपी जैसे आतंकी संगठन के साथ बातचीत करना और उनके साथ समझौता करने को गलत फैसला करार दिया है। इसके अलावा उन लोगों ने भी इसका विरोध जताया है, जिनके परिजन टीएलपी की ओर से किए गए आतंकी हमलों में मारे गए हैं।
(आईएएनएस)