मिल गई ओमिक्रॉन वेरिएंट की दवा, ब्रिटिश कंपनी ने किया दावा
खुशखबरी मिल गई ओमिक्रॉन वेरिएंट की दवा, ब्रिटिश कंपनी ने किया दावा
- ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने किया है दावा
- ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने सोट्रोविमैब को यूएस पार्टनर वीर (VIR) बायोटेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया
- भारत में भी कर्नाटक में ओमिक्रॉन के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रभाव के बीच ब्रिटेन से एक खुशखबरी आई है, ब्रिटेन बेस्ड दवा निर्माता कंपनी ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन ने दावा किया है कि प्रारंभिक प्रयोगशाला परीक्षणों से पता चला है कि कोविड-19 के खिलाफ इसकी एंटीबॉडी दवा नए सुपर म्यूटेंट ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी है।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (gsk) ने सोट्रोविमैब को यूएस पार्टनर वीर (VIR) बायोटेक्नोलॉजी के साथ विकसित किया, जो मानव द्वारा पहले से बनाए गए प्राकृतिक एंटीबॉडी पर आधारित एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है।
आपको बता दे WHO ने यह दावा किया था कि ओमिक्रॉन, डेल्टा वेरिएंट से पांच गुना ज्यादा संक्रामक है वहीं साउथ अफ्रीकन वैज्ञानिकों ने कहा था की इसके अध्ययन में अभी दो से तीन हफ्ते लग सकते हैं।
कोरोना के इस वेरिएंट में पाया गया है कि शुरुआत में इसमें हलके लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे मरीज इसे ज्यादा तवज्जो नहीं देते और यह खतरनाक रूप धारण कर लेता है।
परीक्षणों में दावा किया गया है कि सोट्रोविमैब को 24 घंटों में हल्के से मध्यम कोविड-19 के साथ हाई रिस्क वाले एडल्ट पेशेंट्स में अस्पताल में भर्ती या मृत्यु के जोखिम को 79 प्रतिशत तक कम करता है।
दवा कंपनी ने एक बयान में कहा, "ओमीक्रोन वेरिएंट के अनुक्रम (सीक्वेंस) के आधार पर, हमारा मानना है कि सोट्रोविमैब की ओर से इस वेरिएंट के खिलाफ सक्रियता और प्रभावशाली बनाए रखने की संभावना है।"
सोट्रोविमैब है एक खुराक वाली एंटीबॉडी
ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन द्वारा निर्मित ओमिक्रॉन की दवा सोट्रोविमैब सिंगल डोज एंटीबॉडी है। बता दें यह दवा कोरोना वायरस के बाहरी आवरण पर स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर काम करती है। इससे यह वायरस को ह्यूमन सेल (Human Cell) में प्रवेश करने से रोक देती है। जेवुडी के रूप में मार्केटिंग की जाने वाली दवा को कोविड-19 के लक्षणों की शुरुआत के पांच दिनों के भीतर दिए जाने की सिफारिश की गई है।
वीर बायोटेक्नोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पीएचडी, जॉर्ज स्कैनगोस ने कहा, "हमें पूरी उम्मीद है कि यह सकारात्मक प्रवृत्ति जारी रहेगी और ओमिक्रॉन के पूर्ण संयोजन अनुक्रम (फुल कोम्बिनेशन सीक्वेंस) के खिलाफ अपनी सक्रियता की पुष्टि करने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।"
भारत में ओमिक्रॉन
भारत में भी कर्नाटक में ओमिक्रॉन के दो मामलों की पुष्टि हो चुकी।
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