जंग के सालभर बाद यूक्रेन को एक बार फिर हुई हथियारों और गोला-बारूद की किल्लत, पहले के मुकाबले कम हमले कर रहे हैं दोनों देश

रूस-यूक्रेन युद्ध जंग के सालभर बाद यूक्रेन को एक बार फिर हुई हथियारों और गोला-बारूद की किल्लत, पहले के मुकाबले कम हमले कर रहे हैं दोनों देश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-09 11:12 GMT
जंग के सालभर बाद यूक्रेन को एक बार फिर हुई हथियारों और गोला-बारूद की किल्लत, पहले के मुकाबले कम हमले कर रहे हैं दोनों देश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। युद्ध के बीच एक बार फिर यूक्रेन को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। खबर है कि, यूक्रेन हथियारों और गोला-बारूद की कमी से जूझ रहा है। साथ ही, उसने रूस के खिलाफ हमले भी कम कर दिए हैं। वॉशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन की 59वीं मोटराइज्ड ब्रिगेड जहां पहले युद्ध के दौरान एक दिन में 20 से 30 मिसाइलें दाग रही थीं वहीं अब एक-दो या फिर बिना दागे ही काम चला रही है। 

यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि हमारी ओर से एक दिन में 7,700 शेल दागे जाते हैं। यूक्रेन अधिकारियों के मुताबिक, हर सेकंड एक शेल दागा जा रहा हैं। इधर, रूस ने भी अपने हथियार और गोला-बारूद का इस्तेमाल कम कर दिया है। लेकिन रूस अभी भी यूक्रेन से तीन गुना ज्यादा फायरिंग कर रहा है। यूक्रेन का कहना है कि हथियारों की कमी की वजह से सैनिकों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और सेना को आगे बढ़ने में मुश्किल हो रही है।

युद्ध के बीच में फंसा यूक्रेन

पिछले साल यूरोपीय यूनियन ने कहा था कि नए साल पर हम यूक्रेन को 10 लाख आर्टिलरी शेल देंगे। उस वक्त नाटो की ओर से एक बयान में कहा गया था कि यूक्रेन की मदद के लिए बड़ी मात्रा में गोला-बारूद देना आसान नहीं है। यूके के सैन्य सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन को बाखमुत के रास्ते हथियारों की सप्लाई होती थी। लेकिन वहां रूस का कब्जा होने के चलते यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई में दिक्कतें आ रही है। इस मसले पर यूक्रेन की सेना ने कहा था कि शहर पर पहले उनकी पकड़ थी लेकिन उस क्षेत्र में अभी रूस का दबदबा बरकरार है।

मालूम हो कि, यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही पश्चिमी देशों से हथियार मंगवाता रहा है। अमेरिका समेत अन्य देश उसे एडवांस हथियार दे भी रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट ये भी थी कि यूक्रेन ने म्यूजियम में रखे अपने हथियारों को भी जंग के बेड़े में शामिल कर लिया था। बता दें कि, यूक्रेन ने सोवियत काल की 240 मिमी मोर्टार गन को भी युद्ध में उतार दिया। साथ ही पुरानी तकनीक से बने हथियारों का इस्तेमाल भी किया है। 

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