India-China Relations: देपसांग और डेमचोक से पीछे हटे भारत-चीन के सैनिक, दिवाली पर एक दूसरे को खिलाएंगे मिठाईयां, जल्द ही होगी पेट्रोलिंग शुरू
- देपसांग और डेमचोक से पीछी हटी भारत-चीन की सेनाएं
- पेट्रोलिंग को लेकर सैन्य अधिकारियों के बीच होगी बातचीत
- दोनों सेनाओं की ओर से हुई पुष्टि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया बुधवार को पूरी हो गई। देपसांग और डेमचोक इलाके अब पूरी तरह से खाली हो गए हैं। गुरुवार को दिवाली के अवसर पर चीन और भारत के सैनिक एक-दूसरे को मिठाई खिलाएंगे। वहीं, पेट्रोलिंग को लेकर जल्द ही ग्राउंड कमांडर के अफसरों के बीच बातचीत होगी।
दोनों सेनाएं की ओर से अपनी-अपनी जगहों को खाली करने और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को हटाने की पुष्टि की जा चुकी है। भारत-चीन के बीच सीमा पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 27 अक्टूबर को कहा था कि सैनिकों की वापसी पहला कदम है। अगला कदम तनाव कम करना है। ये तभी कम होगा, जब भारत को भी ये विश्वास हो जाएगा कि चीन भी ऐसा ही चाह रहा है। तनाव को कम करने के बाद बॉर्डर को कैसे मैनेज किया जाए, इस पर चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा, 'एलएसी पर सेना की पेट्रोलिंग को रोका जा रहा था। हम इस मुद्दे को पिछले दो सालों से हल करने की कोशिश में लगे हुए थे। अब पेट्रोलिंग को लेकर सहमति बन गई है जैसे पहले हुआ करती थी।'
ये हुआ समझौता?
भारतीय सेना से जुड़े बताया, "ताजा एग्रीमेंट केवल डेमचोक और देपसांग के लिए मान्य होंगे, अन्य जगहों के लिए नहीं। यह समझौता अन्य टकराव वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा। दोनों पक्षों के सैनिक अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में वापस आ जाएंगे और वे उन क्षेत्रों में गश्त करेंगे जहां उन्होंने अप्रैल 2020 तक गश्त की थी।"
बता दें कि अप्रैल 2020 में एलएसी पर चीनी सेना की तरफ से आक्रमक रूख अख्तियार करे की वजह से भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सेना के अटैक को नाकाम करने के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद संबंध और बिगड़ गए थे।