त्रिपुरा हिंसा के नाम पर शेयर किया जा रहा पुलिस 2018 का वीडियो, जानें किस राज्य का है वीडियो?
फर्जी खबर त्रिपुरा हिंसा के नाम पर शेयर किया जा रहा पुलिस 2018 का वीडियो, जानें किस राज्य का है वीडियो?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा में कुछ समय से हिंसा का माहौल चल रहा है, यह हिंसा बांग्लादेश में हिन्दू समुदाय के ऊपर किए गए हिस्सा के प्रतिक्रिया के रूप में किया जा रहा है। मुस्लिम समुदाय के दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगाना की घटना सामने आई है। इस बीच सोशल मीडियो पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए इस वीडियो में पुलिसकर्मी भीड़ का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं, वह भी उनके साथ मिलकर ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे हैं।
सुना था #पुलिस लोगो की मदद करने के लिए होती है,
— Saad Ahmad (@SaadAhm28170337) October 29, 2021
अब समझ मे आया के पिछले 6 दिनो से #त्रिपुरा जल क्यूं रहा है,#Save_tirpura#SaveTripuraMuslims #TripuraMuslimsUnderAttack @Tripura_Police @UNICEF @UN @UNHumanRights pic.twitter.com/IkaThAnyYF
इस वीडियो को शेयर करते हुए लोग दावा कर रहे है कि यह पुलिसकर्मी त्रपुरा के है और हाल ही में वहां चल रहे हिंसा को बढ़ावा दे रहे है। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ में लोग भगवा झंडा लेकर ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे है और पुलिसकर्मी भी उस भीड़ का एक हिस्सा बने दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को शेयर कर यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि पुलिसकर्मी भीड़ के साथ मिलकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बना रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर ने इसे ट्वीटर पर शेयर किया और कैप्शन में लिखा “सुना था #पुलिस लोगो की मदद करने के लिए होती है, अब समझ मे आया के पिछले 6 दिनो से #त्रिपुरा जल क्यूं रहा है”।
इस राज्य का है यह वीडियो
वायरल वीडियो के फ्रेम को कीवर्डस की सहायता से सोशल पर सर्च करने से कुछ फेसबुक पोस्ट देखने को मिले इन पोस्ट को सोशल मीडिया पर 2018 में अपलोड किया गया था, 30 मार्च को पटना लाइव ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें लिखा था “ समस्तीपुर के रोसड़ा में रामनवी जुलूस में पुलिसवाले का यह रूप देखकर आपके होश उड़ जायेंगे, यकीन न हो तो देखिये”। इसके आगे रिपोर्ट में बताया गया है कि 2018 में रामनवमी के त्योहार के समय बिहार और पश्चिम के कुछ इलोकों में हिंसक झड़प हो गई थी।
इस घटना पर कई मीडिय हैंडल ने रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बताया गया था कि 60 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। दो भाजपा नेता को हिंसा में शामिल होने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके साथ ही समस्तीपुर और कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।
इन रिपोर्टस से यह बात साफ हो जाती है कि घटना बिहार के समस्तीपुर की है, इसका त्रिपुरा से कोई लेना देना नहीं है। इस 2018 की वीडियो को लोगों द्वारा गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहै।