झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का बिजली संकट को लेकर दिए गए बयान पर बवाल, अखबार की कटिंग के सहारे किया जा रहा ट्रोल, जानें इसकी सच्चाई
फैक्ट चेक झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन का बिजली संकट को लेकर दिए गए बयान पर बवाल, अखबार की कटिंग के सहारे किया जा रहा ट्रोल, जानें इसकी सच्चाई
डिजिटल डेस्क, रांची। देश में चल रहे कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में बिजली का संकट गहराता जा रहा है। सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में चल रहीं बिजली संकट को लेकर केन्द्र को जिम्मेदार ठहराया है। सोरेन ने केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार राज्य को करीब 1 लाख 30 हजार करोड़ रूपये भुगतान कर देती तो 25 से 50 रू. यूनिट बिजली भी सरकार खरीद लेती और आम जनता में बांट देती। सीएम के द्वारा दिया गया यह बयान राज्य में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। वहीं सीएम हेमंत सोरेन का एक और बयान इंटरनेट पर वायरल हो रहा है।
उनका दूसरा बयान "वोट ही नहीं दिया तो मुझे बिजली से क्या मतलब" ट्रेडिंग पर है जो #हेमंत_सोरेन_शर्म_करो हैशटैग्स के नाम से कई बार शेयर किया जा रहा है। यह बयान ट्रेडिंग पर बना हुआ है, खबर पर सोरेन का फोटो भी लगा हैं। जिसमें पैपर की कटिंग सहारे उनको ट्रोल किया जा रहा है।
राकेश बाबू नाम के एक व्यक्ति ने इस पेपर की कटिंग को फेसबुक पर अपलोड करके लिखा, "जेएमएम की सरकार ने साफ-साफ शब्दों में जनता को संदेश दे दिया, जनता की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं"
जानिए क्या है खबर की हकीकत
जब इस पेपर कटिंग की पड़ताल की गई तो पता चला कि वायरल हो रहा बयान साल 2017 का है जब हेमंत सोरेन नेता प्रतिपक्ष थे। इस पेपर की कटिंग में लगी खबर की बात करें तो इसमें साफ-साफ नजर आ रहा है कि जब राज्य के साहिबगंज जिले के इलाके में बिजली पर संकट के दौरान वहां के स्थानीय छात्रों ने उनका घेराव किया था, तब ये बयान दिया गया था।
पड़ताल में कीवर्ड सर्च के अनुसार पता चला कि यह पेपर की कटिंग को कई बार सोशल मीडिया पर साल 2017 में यूजर्स के द्वारा शेयर किया गया था। यह खबर 21 मई 2017 की एक खबर से मिलती जुलती पाई गयी हैं।
जिसमें लिखा गया है कि बिजली संकट के मुद्दे को लेकर साहिबगंज जिले के बरहेट इलाके के कुछ छात्र हेमंत सोनेर से मिलने गए थे। उस समय नेता प्रतिपक्ष और बरहेट से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी के विधायक थे। जब छात्रों ने परेशानी बताई तो जवाब में उन्हें हेमंत सोरेन ने हैरान करने वाला बयान दिया था जिसको लेकर लोगों ने सोशल मीडिया में उनके ट्रोल भी किया था। साल 2017 में झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास थे जो भारतीय जनती पार्टी के नेता हैं।