क्या वायरल हो रही फोटो अंग्रेजों की तरफ से भीमा कोरेगांव युद्ध में लड़े महार जाति के सैनिक की है? जानें सच
फैक्ट चैक क्या वायरल हो रही फोटो अंग्रेजों की तरफ से भीमा कोरेगांव युद्ध में लड़े महार जाति के सैनिक की है? जानें सच
डिजिटल डेस्क, भोपाल। महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 1818 को पेशवा बाजीराव की सेना और अंग्रेजों के बीच लड़ाई हुई थी। इस प्रसिद्ध युद्ध में कई भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों की तरफ से पेशवा के खिलाफ लड़े थे। इस बीच सोशल मीडिया पर इसी को लेकर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स कह रहे हैं फोटो में नजर आने वाला सैनिक महार जाति का है।
— Shobhnath Rao (@ShobhnathRao) November 18, 2022
वायरल फोटो में एक हट्टा-कट्टा हाथ में एक छड़ी जैसी वस्तु लिए कुर्सी पर बैठा दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही लिखा है कि ये दुर्लभ तस्वीर उस समय के ईस्ट इंडिया कंपनी के सलाहकार डेव्ही जोंस की डायरी से मिली है। इस फोटो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “भीमा कोरेगांव के 500 शूरवीर म्हारों में से एक महार सैनिक की दुर्लभ तस्वीर मूलनिवासी योद्धा।”
पड़ताल - हमने वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए इसके बारे में जानकारी एकत्रित की। इसके सबसे सबसे पहले हमने रिवर्स सर्च का सहारा लिया। हमारी रिसर्च में हमें वायरल फोटो अलामी वेबसाइट पर मिली। फोटो के साथ यहां उससे संबंधित जानकारी भी थी। जिसमें लिखा था ये तस्वीर जुलू किंगडम के राजकुमार की है। राजकुमार का नाम Ndabuko kaMpande है।
बता दें कि जब अंग्रेजी हुकूमत दक्षिण अफ्रीका पर कब्जे की कोशिश कर रही थी, उस समय वहां के जुलू समुदाय ने अंग्रेजों का विरोध किया था। 1873 से लेकर 1879 के बीच जूलू समुदाय और अंग्रेजों के बीच युद्ध भी चला था। 6 साल तक चले इस युद्ध में जुलू सेना की हार हुई थी।
इससे साफ है कि वायरल फोटो में दिख रहा सैनिक भीमा कोरेगांव युद्ध का नहीं बल्कि दक्षिण अफ्रीका के जुलू समुदाय के राजकुमार का है।