Fake News:राजस्थान के पीपलेश्वर महादेव मंदिर में चीते के साथ सो रहा व्यक्ति, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

Fake News:राजस्थान के पीपलेश्वर महादेव मंदिर में चीते के साथ सो रहा व्यक्ति, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-10 08:35 GMT
Fake News:राजस्थान के पीपलेश्वर महादेव मंदिर में चीते के साथ सो रहा व्यक्ति, जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

डिजिटल डेस्क। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक एक व्यक्ति चीता के साथ सोते हुए नजर आ रहा है। वीडियो के साथ यह दावा किया जा रहा है कि, यह वीडियो राजस्थान के मोछाल में स्थित हिंदू मंदिर, पीपलेश्वर महादेव का है।  

किसने किया शेयर?
कई फेसबुक और ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है।

क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल यह वीडियो राजस्थान का नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका का है। हमने कीवर्ड सर्च किया तो यह वायरल वीडियो एक यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे डोल्फ सी. वॉकर ने अपलोड किया था। इस यूट्यूब चैनल पर लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार वॉकर साउथ अफ्रीका के पशु अधिकारों के रक्षक हैं और उन्होंने जूलॉजी की पढ़ाई की हुई है। उनके चैनल के करीब 5 लाख सब्सक्राइबर हैं। हमने उनके फे़सबुक प्रोफ़ाइल को भी सर्च किया और हमें पता चला कि उन्हें ‘चीता व्हिस्परर’ के नाम से भी जाना जाता है। 

Full View

वीडियो डिस्क्रिप्शन के अनुसार, इसमें नज़र आ रहे चीता साउथ अफ्रीका के चीता पालन केंद्र – ‘चीता एक्सपीरियंस’ में पैदा हुए और वहीं पले बढ़े हैं। डिस्क्रिप्शन के अनुसार इनमें से एक चीता को जल्द ही सुरक्षित जंगली क्षेत्र में छोड़ा जाना था। वॉकर का मानना है कि सोने के मामले में चीता घरेलु बिल्लियों की तरह ही हैं। उन्हें ठंडी ज़मीन के बजाय गर्म और मुलायम बिस्तर ही चाहिए। NDTV ने 2015 में वॉकर पर एक लेख लिखा था जिसके अनुसार वे ‘चीता एक्स्पेरिरंस’ में 2014 से ही वालंटियर कर रहे थे। इन सब बातों से यह साफ होता है कि, वायरल वीडियो को पीपलेश्वर महादेव मंदिर का बताने वाला दावा बिल्कुल ही गलत है। इस वीडियो को साउथ अफ़्रीका के प्रसिद्ध पशु कार्यकर्ता डोल्फ सी. वॉकर ने 2019 में अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। 

निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो राजस्थान का नहीं, बल्कि साउथ अफ्रीका का है। दरअसल इस वीडियो को साउथ अफ़्रीका के प्रसिद्ध पशु कार्यकर्ता डोल्फ सी. वॉकर ने 2019 में अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। 

 

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