Fake News: कोरोना संक्रमित मरीजों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने से हो सकती है 3 महीने की कैद, जानें क्या है वायरल दावे का सच 

Fake News: कोरोना संक्रमित मरीजों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने से हो सकती है 3 महीने की कैद, जानें क्या है वायरल दावे का सच 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-27 04:41 GMT
Fake News: कोरोना संक्रमित मरीजों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने से हो सकती है 3 महीने की कैद, जानें क्या है वायरल दावे का सच 

डिजिटल डेस्क। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि, कोरोनावायरस महामारी से संक्रमित मरीजों के आंकड़ों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले लोगों को अब 3 महीने कैद की सजा होगी। दावा है कि, केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर सजा का यह प्रावधान तय किया है। इस दावे को सही साबित करने के लिए एक खबर की कटिंग भी वायरल हो रही है।

किसने किया शेयर?
कई ट्विटर और फेसबुक यूजर इस दावे को सच मानकर शेयर कर रहे हैं।

कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन । संक्रमित रोगियों की सूची वायरल करने पर होगी 3 माह की कैद । सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निगरानी के लिए पुलिस अधीक्षकों को जारी हुए निर्देश ।

Posted by Bebak Tikhe Bol on Tuesday, 18 August 2020

क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है। इंटरनेट पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे यह पुष्टि होती हो कि केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमित मरीजों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने पर तीन महीने की सजा का प्रावधान तय किया है। केंद्र सरकार की एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक ने ही ट्वीट करके इस दावे को फेक बताया है। 

निष्कर्ष : कोरोनावायरस महामारी से संक्रमित मरीजों के आंकड़ों की सूची सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले लोगों को 3 महीने कैद की सजा होने का दावा गलत है।

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