Fake News: प्रदर्शनकारियों की पिटाई का तीन साल पुराना वीडियो, गलत दावे के साथ फिर वायरल

Fake News: प्रदर्शनकारियों की पिटाई का तीन साल पुराना वीडियो, गलत दावे के साथ फिर वायरल

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-04 08:48 GMT
Fake News: प्रदर्शनकारियों की पिटाई का तीन साल पुराना वीडियो, गलत दावे के साथ फिर वायरल

डिजिटल डेस्क। नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद देश में काफी बवाल मचा हुआ है। प्रदर्शनकारियों के कई फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक वायरल हो रहा है। वीडियो में पुलिस लड़के और लड़कियों पर अत्याचार हुए साफ दिख रहे हैं। 

ट्वीटर पर वीडियो को Dheeraj Gurjar ने शेयर किया है। कैप्शन है, पुलिस के साथ ये कौन लोग है जो महिलाओं को बुरी तरह से मार रहे हैं? क्या इसी तरह मोदी जी की सरकार महिलाओं का सम्मान करती है?

क्या है ?
भास्कर हिंदी टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है। इसका सीएए विरोध प्रदर्शन से कोई लेना-देना नहीं है। दरअसल वायरल वीडियो साल 2016 का है। पड़ताल में हमें एबीपी न्यूज का एक वीडियो मिला। जिसके मुताबिक वीडियो दिल्ली का है। जहां रोहित वेमुला की आत्महत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की आरएसएस मुख्यालय के बाहर पिटाई की गई थी।

                            Full View

वहीं इंडियन एक्सप्रेस ने 2 फरवरी 2016 को इस पर एक न्यूज भी प्रकाशित की थी।

                                                          

यह साफ है कि वायरल वीडियो पुराना है। इसे फिर से गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 
 

 

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