आदिपुरुष ही नहीं इन फिल्मों से भी पहुंची थी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस, एक फिल्म के तो पोस्टर पर ही हो गया था बवाल

आदिपुरुष विवाद आदिपुरुष ही नहीं इन फिल्मों से भी पहुंची थी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस, एक फिल्म के तो पोस्टर पर ही हो गया था बवाल

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-06 09:49 GMT
आदिपुरुष ही नहीं इन फिल्मों से भी पहुंची थी लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस, एक फिल्म के तो पोस्टर पर ही हो गया था बवाल

 डिजिटल डेस्क मुंबई।  फिल्म आमतौर पर मनोरंजन का एक साधन है और हमारे समाज का आईना भी होती हैं, जो हमें गाने, डांस, रोमांस और स्टंट सीन दिखाने के अलावा सामाज में फैली हुई बुराईयों को भी दिखाती है। लेकिन बॉलीवुड में समय-समय पर ऐसी कई फिल्में बनती रहती हैं, जो रिलीज से पहले ही या तो अपने पोस्टर, टीजर या फिर ट्रेलर को लेकर विवादों में फंस जाती हैं। हाल ही में रिलीज हुए फिल्म आदिपुरुष के टीजर पर बवाल मचा हुआ है। जिसके टीजर के VFX और किरदारों के लुक्स को देख कर फैंस काफी नाराज हैं। फिल्म हिंन्दू धर्म के धार्मिक ग्रंथ रामायण पर आधारित है। लेकिन ये पहली बार नहीं है जब किसी बॉलीवुड फिल्म को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले भी बॉलीवुड की कई फिल्में पर विवाद खड़ा हुआ है। कई फिल्मों पर तो लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लग चुका हैं।

पीके
आमिर खान और अनुष्का शर्मा की फिल्म "पीके" 2015 मे रिलीज हुई थी। ये फिल्म भक्ति और आस्था के नाम पर चल रहे गोरखधंधे पर कटाक्ष करती है। इस फिल्म में  धर्म के नाम पर चल रही राजनीति और तमाम किस्म के भेदभाव और आस्थाओं में बंटे इस समाज में भटकते हुए पीके के जरिए उन सारी विसंगतियों और कुरीतियों को उजागर किया गया जिन्हें हमने अपनी रोजमर्रा जिंदगी का हिस्सा बना लिया है। वहीं इससे फिल्म के रिलीज होने से पहले यहा फिल्म बुरी तरह विवादों में फंस गई थी। पीके फिल्म के पोस्टर में आमिर खान के "न्यूड" पोस्टर से हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु भड़क गए थे। जिसके बाद आमिर खान पर मुकदमा भी दर्ज हो गया था। फिर भी फिल्म ने रिलीज होने के बाद 600 करोड़ रूपये की कमाई की थी। 

ओ माई गोड
साल 2012 में रिलीज हुई फिल्म ओह माय गॉड में अक्षय कुमार और परेश रावल ने लीड भूमिका निभाई थी। फिल्म में परेश रावल ने कांजीलाल मेहता नाम के एक व्यापारी की कहानी दिखाई गई है जो भगवान की मूर्तियां तो बेचता है मगर असल में नास्तिक है। फिल्म में एक भूकंप के दौरान उनकी दुकान पूरी तरह से ध्वस्त हो जाती है। जब कांजी इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम मांगते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि आपदा या एक्ट ऑफ गॉड के कारण हुए नुकसान पर मुआवजा नहीं दिया जाता। इससे नाराज होकर कांजी भगवान के खिलाफ केस दर्ज कर देते हैं। फिल्म में धर्म को गलत तरह से पेश करने वालों का भी पर्दाफाश किया गया है। वहीं नाजुक मुद्दा होने के कारण देश की कई जगहों में इसकी स्क्रीनिंग रोक दी गई थी। एक साल बाद मध्य प्रदेश के हाइकोर्ट ने सेंसर बोर्ड से फिल्म में हिंदु धर्म के खिलाफ बोले गए डायलॉग्स पर एक्शन लेने को कहा था।  

  

माय नेम इज खान
करण जौहर द्वारा निर्देशित फिल्म माय नेम इज खान साल 2010 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म में शाहरुख खान ने रिजवान खान नाम के ऐसे शख्स का किरदार निभाया था जो एस्पर्गर्स सिंड्रोम का शिकार था। फिल्म में दिखाया गया है 9-11 हमले के बाद मुस्लिम वर्ग के लोगों को किस तरह भेदभाव झेलना पड़ा। फिल्म रिलीज के पहले शाहरुख खान ने आईपीएल में पाकिस्तानी प्लेयर्स को बैन करने पर कहा था कि उन्हें भी टीम में लिया जाना चाहिए। उनके इस बयान से काफी विवाद खड़ा हो गया था जिसके बाद उनकी फिल्म का काफी विरोध किया गया था।

धर्म-संकट में
साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म धर्म संकट सेंसेटिव मामला होने के कारण काफी विवादों में थी। फिल्म में दिखाया गया है कि धर्मपाल (परेश रावल) मुस्लिम वर्ग के खिलाफ बातें करता है। इसी बीच उसे अचानक पता चलता है कि उसके बायोलॉजिकल पैरेंट्स मुस्लिम थे और उसे हिंदु परिवार ने गोद लिया था। नाजुक मुद्दा होने के कारण सेंसर बोर्ड ने हिंदु और मुस्लिम गुरुओं को बुलाकर फिल्म दिखाई थी जिससे वो इसे सुपरवाइज कर सकें। फिल्म के कुछ भड़काऊ बयानों को हटाने के बाद ही फिल्म रिलीज हो सकी थी।

काली
अब हाल ही में लीना मणिमेकलाई द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री फिल्म "काली" को लेकर भी बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हाल ही में फिल्म का पोस्टर रिलीज हुआ है, जिसमें मां काली की वेशभूषा धारण किए एक महिला को सिगरेट पीते और हाथ में एलजीबीटीक्यू का झंडा थामे दिखाया गया है। पोस्टर रिलीज होने के बाद से लगातार लीना की गिरफ्तारी की मांग सोशल मीडिया पर उठ रही थी। जिसके बाद लीना मणिमेकलाई ने पोस्टर को ट्वीटर से हटा दिया था। 

तांडव
अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई वेब सीरीज "तांडव" रिलीज होने के साथ ही कई विवादों में घिर गई थी। इस सीरीज पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगा था साथ ही जातिगत टिप्पणी करने का भी आरोप इस सीरीज पर लगा था। इस बीच बीजेपी विधायक राम कदम ने अमेजन प्राइम के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करते हुए "जूता मारो अभियान" छेड़ दिया था। बढ़ते विवाद को देखते हुए सैफ अली खान को भी पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। तांडव में दो सीन को लेकर सीरीज के खिलाफ विवाद बढ़ गया था एक सीन में धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है तो दूसरे सीन में जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।

 

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