रिलीज के पहले दिन ही मचाया धमाल, अब दुनिया को दिखाना है

रिलीज के पहले दिन ही मचाया धमाल, अब दुनिया को दिखाना है

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-22 09:32 GMT
रिलीज के पहले दिन ही मचाया धमाल, अब दुनिया को दिखाना है

डिजिटल डेस्क,मुंबई। फिल्म "न्यूटन" 22 सितंबर रिलीज हो चुकी है और पर्दे रिलीज होते ही धमाल मचा दिया है। आपको बता दें कि फिल्म को क्रिटिक्स से जोरदार सराहना तो मिली ही है, साथ ही इसे ऑस्कर के लिए नामिनेट कर दिया गया है। राजकुमार राव ने फिल्म में मुख्य किरदार निभाया है।

अगले साल ऑस्कर जाएगी "न्यूटन"

अमित मासुरकर की फिल्म "न्यूटन" को भारत की तरफ से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में इसे नामित किया गया है। फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिलेक्शन कमेटी ने शुक्रवार को ये अनाउंसमेंट किया है। 26 फिल्मों में से न्यूटन को ऑस्कर में भेजने का फैसला लिया गया। 

इस फिल्म में राजकुमार के अलावा पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, अंजलि पाटिल, रघुबीर यादव ने अहम किरदार निभाए हैं। ये फिल्म 22 सितंबर को करीब 350 स्क्रीन्स पर रिलीज की गई। इसी दिन रिलीज हुई संजय दत्त की भूमि को करीब 1800 से ज्यादा स्क्रीन्स मिले हैं बावजूद इसके इस फिल्म ने बाजी मार ली। 
राजकुमार राव ने ऑस्कर में फिल्म भेजे जाने खुशी जाहिर की है। 

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न्यूटन के अलावा ये फिल्में पहुंची ऑस्कर

ऑस्कर में स्वीडन की फिल्म द स्क्वायर, जर्मनी की इन द फेड, कंबोडिया की फर्स्ट दे किल्ड माई फादर, पाकिस्तान की सावन से न्यूटन का होगा। 90वें अकेडमी अवॉर्ड्स का आयोजन 4 मार्च 2018 को लॉस एंजिल्स में होगा। क्रिटिक्स ने फिल्म को 4.5 तक की रेटिंग दी है। फिल्म के डायरेक्शन और सिनेमेटोग्राफी की काफी चर्चा हो रही है. इसके अलावा डायलॉग्स भी प्रभावित करने वाले हैं। सुविधाहीन नक्सली इलाके में इलेक्शन वोटिंग जैसे गंभीर मुद्दे को फिल्म में रोचक तरीके से पेश किया गया है।

न्यूटन की कहानी

फिल्म की कहानी नूतन कुमार (राजकुमार राव) की है जिसने अपने लड़कियों वाले नाम को दसवीं के बोर्ड में "न्यूटन" लिख कर बदल लिया है। न्यूटन ने फिजिक्स में एमएससी की पढ़ाई की है। न्यूटन एक ऐसे सरकारी कर्मचारी की कहानी है जो नक्सल इलाकों में चुनाव की प्रक्रिया करवाने जाता है। न्यूटन की इलेक्शन में ड्यूटी लगती है जिसके लिए उसे जंगल के नक्सल प्रभावित इलाके में जाकर वोटिंग करवानी पड़ती है। इलेक्शन की तैयारी के लिए न्यूटन की हेल्प संजय मिश्रा करते हैं उसके बाद एक टीम जिसमें लोकनाथ (रघुबीर यादव), मालको (अंजलि पाटिल), पुलिस अफसर आत्मा सिंह (पंकज त्रिपाठी) जंगली इलाके की तरफ बढ़ती है जहां जाने पर पता चलता है की कुल मिलाकर वहां के 76 वोटर्स की चर्चा है, लेकिन वोट वाले दिन कोई नहीं आता और न्यूटन सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के लोगों में  वोटिंग के प्रति अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझाते हैं। पूरी कहानी वोटिंग और इलेक्शन के इर्द-गिर्द घुमती है। 
 

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