कमल हासन ने कहा सिनेमा की कोई जाति या धर्म नहीं होता, सिर्फ प्रतिभा होती है
तमिल फिल्म अभिनेता कमल हासन ने कहा सिनेमा की कोई जाति या धर्म नहीं होता, सिर्फ प्रतिभा होती है
- कमल हासन : सिनेमा की कोई जाति या धर्म नहीं होता
- सिर्फ प्रतिभा होती है
डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिल फिल्म अभिनेता कमल हासन ने कहा कि सिनेमा में कोई धर्म या जाति नहीं होती है बल्कि सिनेमा के क्षेत्र में चमकने के लिए केवल प्रतिभा और रुचि की जरूरत होती है।
कमल हासन सिला नेरंगलिल सिला मनिथार्गल के ऑडियो लॉन्च इवेंट में शामिल हुए। यह युवाओं के एक समूह ने बनाया है जिन्होंने बताया कि फिल्म बनाने का विचार उन्हें उनके कॉलेज के पास एक चाय की दुकान से आया, जहां वे सिनेमा पर चर्चा करते थे। इसपर कमल हासन ने कहा, अगर आप एक चाय की दुकान से यहां तक आ सकते हैं, तो मेरा मानना है कि आप यहां से अपनी अगली तक भी पहुंच सकते हैं।
फिल्म यूनिट की ओर इशारा करते हुए कमल ने कहा, वे यहां क्यों हैं, इसका कारण न केवल दोस्ती है, बल्कि उनकी रुचि और उनके द्वारा हासिल की गई प्रतिभा भी है। इसके बिना, तुम यहां चमक नहीं सकते।
उन्होंने कहा, यहां कोई जाति या धर्म नहीं है। यही सच्चाई है। कुछ लोग इससे इनकार कर सकते हैं, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है।
उन्होंने स्क्रीन की ओर इशारा करते हुए कहा, अगर आप इस थिएटर में लाइट बंद कर देते हैं, तो यहां एकमात्र धर्म, एक कहानी, इस अंधेरे में एक रोशनी है।
उन्होंने आगे कहा, यही कारण है कि हम जो कहते हैं उसके बारे में सावधान रहें।
विशाल वेंकट द्वारा निर्देशित, सिला नेरंगलिल सिला मनिथार्गल में राधन का संगीत और मेयेंदिरन ने छायांकन किया है।
फिल्म एक सामान्य घटना से जुड़े चार लोगों के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें अभिनेता मणिकंदन, निर्देशक के.एस. रविकुमार, अशोक सेलवन, ऋत्विका और भानुप्रिया शामिल हैं।
आईएएनएस