खुशी है कि 83 की कहानी के लिए मुझे एक फिल्म निर्माता के रूप में चुना
फिल्मकार कबीर खान खुशी है कि 83 की कहानी के लिए मुझे एक फिल्म निर्माता के रूप में चुना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। फिल्मकार कबीर खान खुद को खुशकिस्मत मानते हैं कि वह 83 जैसी कहानी को जन-जन तक पहुंचाने का माध्यम बने। उनकी राय में, हर कहानी की एक नियति होती है और उन्हें खुशी होती है कि वह इस तरह की एक प्रेरणादायक कहानी का हिस्सा बन सकते हैं। फिल्म 83 के निर्देशक ने कहा, एक कहानी को सबसे मनोरंजक और आकर्षक तरीके से सुनाई जाने वाली मानवीय कहानी होनी चाहिए। 83 में वह सब कुछ था।
यह एक मानव विजय की अविश्वसनीय कहानी है। बेशक, पृष्ठभूमि क्रिकेट और 1983 का विश्व कप है, जो जीवन से भी बड़ा है। लेकिन, अगर आप इसे देखें, तो यह लड़कों के गैंग की एक बहुत ही अंतरंग कहानी है।उन्होंने कहा, यह एक अंडरडॉग टीम की कहानी है, जो लंदन में उतरी जब किसी ने वास्तव में उन पर विश्वास नहीं किया। लंदन का हर अखबार कह रहा था कि भारतीय टीम को आमंत्रित भी नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे खेल के स्तर को नीचे लाएंगे।
यह एक ऐसी नाटकीय और भावनात्मक कहानी है कि जिस क्षण मैंने पहली कंटेंट को उस समय पढ़ा, जब हम इसे बनाने पर विचार कर रहे थे, मैं शुरू से ही चौंक गया था। निर्देशक ने अखिरी में कहा, मैं कहानी पहुंचाने का सौभाग्य महसूस करता हूं, क्योंकि मैंने पहले कहा है कि कभी-कभी फिल्म निर्माता कहानी नहीं चुनते, बल्कि कहानी एक फिल्म निर्माता चुनती है। मुझे बहुत खुशी है कि 83 ने मुझे एक माध्यम के रूप में चुना है।
(आईएएनएस)