एक्शन और सस्पेंस का पावरपैक है चोर निकल के भागा
आईएएनएस रिव्यू एक्शन और सस्पेंस का पावरपैक है चोर निकल के भागा
डिजिटल डेस्क,मुबंई। चोर निकल के भागा उन दुर्लभ फिल्मों में से है, जो अपनी शैली एक्शन थ्रिलर से रिवेंज ड्रामा में बदल जाती है। फिल्म को काफी चतुराई से तैयार किया गया है। फिल्म की शैली और एडिटिंग को देख आप एक भी फ्रेम को मिस नहीं करना चाहेंगे। फिल्म की शुरुआत सनी कौशल को बुरी तरह पीटने से होती है, जो अंकित नाम के लड़के का किरदार निभा रहे है। वहीं शेख नाम के एक रॉ अधिकारी शरद केलकर द्वारा जांच की जा रही है कि अपहरण की घटना के दौरान आतंकवादियों ने उसे क्यों पीटा। अगले फ्रेम में आप हाईजैकर्स के एक झुंड को मिशन के लिए तैयार होते हुए देखेंगे, और उसके बाद के फ्रेम में अंकित और नेहा (यामी गौतम) बीच रोमांस की शुरूआत को दिखाया जाता है। बिजनेसमैन अंकित, एयर-होस्टेस नेहा (यामी) के साथ बातचीत शुरू करता है और उसे इंप्रेस करने का कोई मौका नहीं छोड़ता। नेहा धीरे-धीरे अंकित को पसंद करने लगती है और उसके प्यार में पड़ जाती है।
लेकिन उसकी खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रहती है। अंकित पर कुछ संदिग्ध लोगों का पैसा बकाया है, जो उसके पीछे पड़े हैं। एक दिन कपल पर हमला होता है और नेहा मुसीबत में फंस जाती है। भविष्य के हमलों से बचने और खुद को सुरक्षित रखने के लिए, नेहा और अंकित अल असद से दिल्ली जाने वाले हीरे के कोरियर को लूटने का प्लान बनाते हैं। हीरे गृह मंत्री के लिए हैं और 120 करोड़ रुपये के हैं। लेकिन बीच में, एक साधारण चोरी हाईजैक में बदल जाती है। सभी बदमाश बंदूक की नोक पर लोगों को बंधक बना लेते हैं और एक आतंकवादी की रिहाई की मांग करते हैं। कश्मीरी आजादी के नारे लगाते हैं और दिल्ली से कुल्लू की फ्लाइट को डायवर्ट करने के लिए कहते हैं।
अंकित हीरे चुराने पर प्लान पर अड़ा रहता है। इसमें नेहा भी उसकी मदद करती है। लेकिन आतंकवादी उन्हें पकड़ लेते हैं और अंकित की पिटाई करते हैं। यही नहीं, उसके चारों ओर एक बम बांध देते हैं। अंकित और आतंकवादियों के बीच संघर्ष के दौरान, विमान के उतरने से पहले ही एयर मार्शल ने आतंकवादियों को मार गिराया।
यहीं से फिल्म गियर बदलती है : सेना को पता चलता है कि आतंकवादियों के शव गायब हैं और आतंकवादियों को गोली मारने वाले एयर मार्शल भी गायब हैं। कोई अपहरण नहीं हुआ था और कोई बम नहीं था, और हीरे भी गायब हैं। आगे पता चलता है कि अंकित ने जिस नेहा का इस्तेमाल हीरे की चोरी के लिए किया था, वह वैसी नहीं है जैसी वह दिखती थी। उसका एक अलग चेहरा है।
अब, हीरों का क्या हुआ, किसने हाईजैक की योजना बनाई, हाईजैकर्स के शवों का क्या हुआ, और सभी से बदला लेने वाला ये शातिर कौन है? यह जानने के लिए फिल्म देखनी होगी। फिल्म की कहानी व परफॉर्मेंस दमदार है। मेकर्स और कलाकारों ने शानदार काम किया है। अजय सिंह बिना समय बर्बाद किए 15 मिनट के अंदर फिल्म के किरदारों से दर्शकों को जोड़ने में कामयाब रहे हैं। फिल्म की मनोरंजक कहानी हर किसी को 40,000 फीट ऊपर हवा में ले जाती है।
पीके/एसकेपी
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