बॉलीवुड: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को अनुराग कश्यप का बड़ा बयान, बोले - '22 जनवरी को जो हुआ वह प्रचार था'

  • फिर विवादों में घिरे अनुराग कश्यप
  • राम मंदिर उद्धाटन को बताया प्रचार
  • धर्म को लेकर दिया बड़ा बयान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-08 21:18 GMT

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाने वाले मशहूर निर्देशक अनुराग कश्यप एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके चर्चा में रहने की वजह राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर दिया उनका हालिया बयान है। जिसमें उन्होंने इस समारोह को एक प्रचार बताया है। उनका कहना है कि यह देश में भविष्य में क्या होगा और अभी क्या हो रहा है? इसका एक प्रचार था। इसके साथ ही उन्होंने नाम लिए बिना केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग पावर में हैं वो जनता के गुस्से का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में इस समय लोकतंत्र नहीं बल्कि फासिज्म चल रहा है।

कोलकाता के एक इवेंट में हिस्सा लेने आए अनुराग से 22 जनवरी को अयोध्या में हुए राम मंदिर के उद्धाटन को लेकर सवाल पूछा गया था। जिसका जबाव देते हुए उन्होंने कहा, '22 जनवरी को जो हुआ वह एक प्रचार था। मैं इसे ऐसे ही देखता हूं। खबरों के बीच जिस तरह के विज्ञापन चलते हैं, उसी तरह यह 24 घंटे चलने वाला विज्ञापन था। मेरे नास्तिक होने का एक प्रमुख कारण यह है कि मेरा जन्म बनारस में हुआ था। मेरा जन्म धर्म की नगरी में हुआ है। मैंने धर्म का कारोबार बहुत करीब से देखा है। आप इसे राम मंदिर कहते हैं, लेकिन यह कभी राम मंदिर नहीं था। यह राम लला का मंदिर था और पूरा देश इसका अंतर नहीं बता सकता।

मैंने हमेशा खुद को नास्तिक कहा

अनुराग ने आगे कहा, 'किसी ने कहा है कि धर्म ही दुष्टों का अंतिम सहारा है। जब आपके पास देने के लिए कुछ नहीं बचता तो आप धर्म की ओर मुड़ते हैं। मैंने हमेशा खुद को नास्तिक कहा है क्योंकि मैंने देखा है कि निराश लोग मोक्ष की आस में मंदिरों में जाते थे। जैसे कि वहां कोई बटन हो जिसे दबाकर वो अपनी सभी समस्याओं को मिटा सकते हैं। क्या कारण है कि वहां कोई आंदोलन क्यों नहीं होते? लोग उसमें दिखने से डरते हैं।' बता दें कि राम मंदिर के उद्धाटन को धर्म का करोबार बताने और प्रचार कहने पर अनुराग की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है।  

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