कालिंदी कॉलेज की प्रिंसिपल पर कॉलेज के कर्मचारी ने लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
दिल्ली विश्वविद्यालय कालिंदी कॉलेज की प्रिंसिपल पर कॉलेज के कर्मचारी ने लगाया प्रताड़ित करने का आरोप
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज की प्रिंसिपल पर कॉलेज के एक कर्मचारी ने प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कॉलेज के वरिष्ठ लेखा अधिकारी को कथित रूप से परेशान करने और प्रताड़ित करने के आरोप में कॉलेज की प्रिंसिपल को कानूनी नोटिस भी भेजा गया है।
वहीं प्रिंसिपल नैना हसीजा का कहना है कि लेखा विभाग में अमित गुप्ता के आदेश के तहत दस्तावेजों और बिलों को स्कैन किया गया था और किसी को ई-मेल के माध्यम से भेजने की तैयारी की जा रही थी। प्रिंसिपल के मुताबिक यह कॉलेज के महत्वपूर्ण वित्तीय दस्तावेज हैं और कॉलेज के बाहर किसी को भी इनकी आवश्यकता नहीं है।
प्रिंसिपल को लीगल नोटिस कॉलेज के लेखा अधिकारी अमित गुप्ता की पत्नी ने अपने वकील के माध्यम से भिजवाया है। कॉलेज के सहायक सलाहकार और प्रधानाचार्य नैना हसीजा का नाम है। प्रिंसिपल इस कानूनी नोटिस को व्यक्तिगत प्रतिशोध करार दिया और दावा किया कि गुप्ता इस माह 11 मई को कॉलेज के महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी करते हुए पकड़े गए थे। अधिकारी की पत्नी द्वारा प्रिंसिपल को दो महीने में दूसरा नोटिस भेजा गया है। मार्च में भेजे गए पहले नोटिस में प्रिंसिपल द्वारा कथित उत्पीड़न का विवरण दिया गया था।
वहीं प्रिंसिपल ने इस महीने की शुरूआत में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना को पत्र लिखकर अमित गुप्ता के खिलाफ आधिकारिक दस्तावेजों की कथित चोरी के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। उन्होंने गुप्ता पर वित्तीय दस्तावेजों की अनाधिकृत गुप्त जांच करने का आरोप लगाया है। 11 मई को कालिंदी कॉलेज की प्रिंसिपल हसीजा ने दिल्ली पुलिस कमीश्नर राकेश अस्थाना को इस मामले में एक शिकायती पत्र लिखा है। पत्र में प्रिंसिपल हसीजा ने कहा कि अमित गुप्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए क्योंकि वह पुराने दस्तावेजों और अधोहस्ताक्षरी द्वारा पारित बिलों को स्कैन करते हुए रंगे हाथों पकड़े गए हैं।
प्रिंसिपल का कहना है कि लेखा विभाग में अमित गुप्ता के आदेश के तहत दस्तावेजों और बिलों को स्कैन किया गया था और किसी को ई-मेल के माध्यम से भेजने की तैयारी की जा रही थी। प्रिंसिपल के मुताबिक यह कॉलेज के महत्वपूर्ण व गुप्त वित्तीय दस्तावेज हैं और कॉलेज के बाहर किसी को भी इनकी आवश्यकता नहीं है। उधर कालिंदी कॉलेज के कुछ शिक्षक इस मामले में अमित गुप्ता क साथ खड़े हैं।
इन शिक्षकों का कहना है कि 11 मई को प्रिंसिपल द्वारा परेशान किए जाने के बाद से अमित गुप्ता कार्यालय नहीं आ रहे हैं। इस मामले में गुप्ता के सहयोगियों का तर्क है कि अपने कार्यों को करने या कार्यों में कोई सुधार करने के लिए किसी को परेशान नहीं किया जा सकता है। यह कानून के विपरीत हैं और संकीर्णतावादी व्यवहार को प्रदर्शित करता है।
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