JEE NEET Exams: पीएम मोदी को बंगाल की सीएम ने लिखी चिट्ठी, NEET और JEE परीक्षाएं टालने की अपील की

JEE NEET Exams: पीएम मोदी को बंगाल की सीएम ने लिखी चिट्ठी, NEET और JEE परीक्षाएं टालने की अपील की

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-24 13:20 GMT
JEE NEET Exams: पीएम मोदी को बंगाल की सीएम ने लिखी चिट्ठी, NEET और JEE परीक्षाएं टालने की अपील की

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने पीएम मोदी से कोविड-19 के मौजूदा हालात को देखते हुए जेईई और नीट की परीक्षाएं स्थगित करने की अपील की है। बता दें कि जेईई परीक्षा देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिये आयोजित की जाती है जबकि नीट का आयोजन मेडिकल में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिये किया जाता है।

क्या कहा ममता बनर्जी ने?
ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा, "आपके साथ पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मैंने यूजीसी की सितंबर 2020 तक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टर्मिनल एग्जाम को पूरा कराने की गाइडलाइन को लेकर अपने विचार रखे थे। मेरा विचार है कि कोरोना महामारी के इस दौर में हमें छात्रों की जिंदगी को रिस्क में नहीं डालना चाहिए। इसे लेकर 11 जुलाई को भी मैंने लेटर लिखा था। 

ममता बनर्जी ने कहा, अब एक बार फिर मैं अपनी इस चिट्ठी के माध्यम से कहना चाहती हूं, जिस तरह से एजुकेशन मिनिस्ट्री ने NEET और JEE एग्जाम को सितंबर 2020 में आयोजित कराने का फैसला लिया है, ये काफी रिस्की है।" उन्होंने कहा, इसलिए मैं आपसे अपील करूंगा कि कृपया इस तरह के कदमों का आकलन करने में भारी स्वास्थ्य जोखिम शामिल करें। केंद्र सरकार को ऐसा निर्णय नहीं लेना चाहिए जिससे छात्र परेशान महसूस करें। मुझे यकीन है कि आप स्थिति सामान्य होने तक एग्जाम को पोस्टपोन कर देंगे। 

राहुल समेत कई नेता भी कर चुके है अपील
इससे पहले राहुल गांधी समेत कई नेता परीक्षाएं टालने की अपील कर चुके हैं। 1-6 सिंतबर के बीच आयोजित की जा रही JEE की परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। जबकि मेडिकल के लिए सबसे बड़ा एग्जाम NEET 13 सितंबर को आयोजित होगा जिसमें 17 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। इन दोनों एग्जाम को पोस्टपॉन करने के लिए छात्र और उनके माता-पिता सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सरकार ने ऐसा करने से मना कर दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एग्जाम को टालने से मना कर दिया।

एग्जाम पोस्टपॉन क्यों होना चाहिए?
भारत में कोरोना तेजी से फैल रहा है। हर रोज 60 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। दूसरा कारण बिहार, असम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ के चलते हालत काफी खराब है। ऐसे में वहा रहने वाले छात्र एग्जाम देने कैसे जाएंगे? तीसरी बात ट्रैवलिंग है। भारत में फिलहाल रेगुलर पैसेंजर सर्विस सस्पेंड है। ट्रांसपोर्ट के इतने बुरे हाल में छात्र एग्जाम सेंटर तक कैसे जाएंगे? 

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