15 से अधिक भारतीय डिजिटल प्रदर्शनियां, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने बनाया पवेलियन
पेरिस 15 से अधिक भारतीय डिजिटल प्रदर्शनियां, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने बनाया पवेलियन
- पेरिस :15 से अधिक भारतीय डिजिटल प्रदर्शनियां
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने बनाया पवेलियन
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पेरिस पुस्तक मेले में भारतीय पवेलियन को आकार स्वदेशी (भारतीय) संस्था, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने दिया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआईडी) द्वारा डिजाइन किए गए इंडिया पवेलियन में 15 से अधिक डिजिटल और भौतिक प्रदर्शनियां हैं, जो विभिन्न भारतीय भाषाओं में प्रकाशित 400 से अधिक पुस्तकों को प्रदर्शित कर रही हैं और 65 भारतीय प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
भारतीय प्रस्तुति के मुख्य आकर्षण में नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (एनबीटी) द्वारा फ्रेंच अनुवाद में प्रकाशित बच्चों की 10 सचित्र पुस्तकों का शुभारंभ और इनकी बिक्री और प्रदर्शनी है। इन पुस्तकों में से एक रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी है और दूसरी पुस्तक महात्मा गांधी के बारे में है, जो बच्चों के लिए है। भारत के पश्चिम बंगाल में स्थित चंद्रनगर पर एक विशेष संस्करण पुस्तक भी लॉन्च की जाएगी, जिसमें भारत में फ्रांसीसी विरासत की वर्णन किया गया है।
अपनी बहुभाषी भाषाई परंपराओं एवं कार्यक्रमों व प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत 75 राष्ट्रीय परियोजना पेश कर रहे इस कार्यक्रम में 35 से अधिकवक्ता भाग लेंगे, जिनमें से 20 से अधिक वक्ता भारत से होंगे तथा शेष इंडिया पवेलियन के 25 से अधिक साहित्यिक सत्रों में भाग लेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति की नई दिल्ली यात्रा के दौरान 2018 में जारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी-राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के संयुक्त वक्तव्य के तहत 21 से 24 अप्रैल, 2022 तक आयोजित किये जा रहे पेरिस पुस्तक महोत्सव 2022 में भारत को मुख्य अतिथि देश के रूप में नामित किया गया है।
इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पेरिस पुस्तक महोत्सव 2022 में मुख्य अतिथि के रूप में भारत की भागीदारी हमारी साहित्यिक और भाषाई विविधता का उत्सव मनाने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
इनमें भारतीय और फ्रांसीसी लेखक शामिल हैं। साहित्यिक सत्रों के लिए समृद्ध, विविधतापूर्ण व रोचक विषयों का चयन किया गया है, जैसे यूरोप की कला और वास्तुकला पर भारतीय प्रभाव, महिला लेखक और उनके रचनात्मक क्षेत्र, महात्मा गांधी और रोमां रोलां, 21 वीं सदी का परिप्रेक्ष्य विज्ञान और आयुर्वेद, कई भाषाएं, एक साहित्य, समकालीन लेखन में जलवायु परिवर्तन संबंधी चिंताएं आदि।
भारतीय संस्कृति की बहुलता और विविधता को प्रदर्शित करने के लिए सुश्री अपर्णा श्रीधर, सुश्री मल्लिका थलक, सुश्री ब्रिगिट चटिगिनर, सुश्री महिना खानम समेत 50 से अधिक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाएगा।
आईएएनएस