नर्सरी एडमिशन: 1 दिसंबर से भर सकते हैं फॉर्म, 20 जनवरी को पहली लिस्ट

नई दिल्ली नर्सरी एडमिशन: 1 दिसंबर से भर सकते हैं फॉर्म, 20 जनवरी को पहली लिस्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-21 15:00 GMT
नर्सरी एडमिशन: 1 दिसंबर से भर सकते हैं फॉर्म, 20 जनवरी को पहली लिस्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में नर्सरी एडमिशन शुरू होने जा रहे हैं। दिल्ली के डायरेक्ट्रेट ऑफ एजुकेशन ने वर्ष 2023-24 के लिए नर्सरी एडमिशन का शेड्यूल जारी किया है। दिल्ली शिक्षा निदेशालय के द्वारा जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक अभिभावक 1 दिसंबर से अपने बच्चों के नर्सरी दाखिले के लिए फॉर्म भर सकते हैं। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक नर्सरी दाखिले के लिए फॉर्म जमा करने की आखिरी तारीख 23 दिसंबर है। बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी नर्सरी दाखिले एक तय पॉइंट्स के आधार पर दिए जाएंगे। पॉइंट्स का क्राइटेरिया 28 नवंबर तक स्कूलों द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।

नर्सरी एडमिशन के लिए दिल्ली के स्कूल अगले वर्ष 2023 20 जनवरी को चयनित छात्रों की पहली लिस्ट जारी करेंगे। नर्सरी के लिए छात्रों की दूसरी लिस्ट 06 फरवरी को जारी होगी। इस बीच सोमवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की राष्ट्रीय परिषद की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने यहां उद्योग जगत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने का आह्वान किया।

केन्द्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 21वीं सदी के लिए भविष्य की जरूरतों के अनुरूप श्रमशक्ति तैयार करने तथा आर्थिक विकास एवं सामाजिक कल्याण को संभव बनाने हेतु उद्योग, शिक्षा जगत और नीति निमार्ताओं को मिलकर काम करने की जरूरत के बारे में बात की। एनईपी 2020 के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ²ष्टिकोण के अनुरूप एक दार्शनिक दस्तावेज है। इसके कार्यान्वयन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि बचपन से लेकर उच्च शिक्षा और कौशल विकास तक, हम सभी स्तरों पर समग्र शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली को सभी बाधाओं को तोड़ना चाहिए और छात्रों को सशक्त बनाना चाहिए। हम शिक्षा के इकोसिस्टम को अधिक समावेशी बनाने के लिए मातृभाषा एवं स्थानीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान करने की शुरूआत कर रहे हैं। प्रधान ने कहा कि हमारे संपत्ति के सृजनकतार्ओं (वेल्थ क्रिएटर्स) को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप श्रमशक्ति के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने उद्योग जगत से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना के अनुरूप एक सक्षम इकोसिस्टम बनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि सही ज्ञान की मांग पैदा करके, अनुसंधान एवं विकास में अधिक निवेश करके, मौजूदा श्रमशक्ति को फिर से कुशल बनाने और उनके कौशल को बेहतर करने पर ध्यान केंद्रित करके, उद्योग जगत के सदस्य एक अधिक निपुण श्रमशक्ति बनाने और भारत के उज्जवल भविष्य के निर्माण में योगदान कर सकते हैं।

(आईएएनएस)

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