अगले साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एम टेक शुरू करेगा आईआईटी दिल्ली
नई दिल्ली अगले साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एम टेक शुरू करेगा आईआईटी दिल्ली
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर वैश्विक मानकों के अनुरूप आगे बढ़ने की तैयारी कर रहा है। आईआईटी दिल्ली के सभी प्रमुख शैक्षिक निर्णय लेने वाली संस्था सीनेट ने यहां आईआईटी में प्रस्तावित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है। यह कार्यक्रम मशीन इंटेलिजेंस और डेटा साइंस पर आधारित होगा। इसके लिए आईआईटी दिल्ली का स्कूल आफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, विशेष पाठ्यक्रम पर आधारित एम टेक कोर्स शुरू किया जा रहा है। यह पाठ्यक्रम जुलाई 2022 में शुरू किया जा सकता है। विज्ञान या इंजीनियरिंग के ग्रेजुएट छात्र इस एम टेक कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। आईआईटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के पाठ्यक्रम की यह दूसरी डिग्री है। यहां पहले से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में पीएचडी का विकल्प उपलब्ध है।
आईआईटी स्थित इस स्कूल के संस्थापक प्रमुख प्रोफेसर मौसम ने कहा, हमारे पीएचडी कार्यक्रम ने अपने पहले वर्ष में काफी रुचि हासिल की है। पिछली बार एससीएआई में शामिल होने वाले पीएचडी छात्रों की सफलता दर 90 फीसदी थी। यह आम तौर हमारे जैसे युवा अकादमिक इकाई के लिए असाधारण है। क्योंकि छात्र साधारणत पहले से स्थापित शैक्षणिक कार्यक्रमों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन उन्होंने हमें चुना। आईआईटी दिल्ली ने कहा है कि कार्यक्रम में नामांकित छात्र उद्योग से संबंधित एआई समस्याओं पर काम करेंगे। आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव का कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों को उद्योगिक संस्थानों, गैर-लाभकारी और सरकारी संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
इसके अलावा आईआईटी दिल्ली स्कूली छात्रों के बीच कंप्यूटर की रुचि को बढ़ाने का करेगा। आईआईटी दिल्ली बताएगा स्प्रिंग्स और अणु में क्या समानता है, हम कंप्यूटर को माइक्रोस्कोप के रूप में कैसे उपयोग कर सकते हैं, क्या कंप्यूटर को इंसानी दिमाग की तरह तेज बनाया जा सकता है, क्या कंप्यूटर मानव मस्तिष्क को हरा सकते हैं। आईआईटी दिल्ली इसके लिए अब स्कूली छात्रों के लिए ऐसे तमाम प्रश्नों के उत्तर लेकर सामने आ रहा है। ऐसे कई सवालों के जवाब आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसरों द्वारा स्कूल के छात्रों के लिए संस्थान की अकादमिक आउटरीच पहल साइटेक स्पिन्स के तहत आयोजित होने वाले एक इंटरेक्शन सत्र के साथ दूसरे व्याख्यान के दौरान दिए जाएंगे।
(आईएएनएस)