गोवा शिक्षा विभाग स्कूलों के मिड डे मील में देगा चपाती
गोवा सरकार गोवा शिक्षा विभाग स्कूलों के मिड डे मील में देगा चपाती
डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के स्कूली बच्चों को दिए जाने वाले पीएम पोषण (मिड डे मील) में चपाती फिर से शुरू की है। इससे तटीय राज्य के 1400 सहायता प्राप्त और सरकारी स्कूलों के लगभग 1.60 लाख छात्रों को लाभ हुआ है। आईएएनएस से बात करते हुए शिक्षा निदेशक शैलेश जिंगडे ने कहा कि विभाग ने अब इस योजना के मेनू से पाव को हटाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि विभाग ने मैदा से बनी वस्तुओं को परोसने से बचने का फैसला किया है। मेन्यू अब या तो गेहूं आधारित आइटम या वैकल्पिक आधार पर चावल आधारित आइटम होगा। जिंगडे ने कहा कि बच्चों को आपूर्ति की जाने वाली खाद्य सामग्री में अब गेहूं से बनी चपाती शामिल होगी। इससे पहले 2013 में, गोवा शिक्षा विभाग ने स्वस्थ खाने की आदतों के लिए भोजन में चपाती पेश की थी, लेकिन कई मुद्दों के कारण यह काम नहीं कर सका।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, बच्चे पहले चपाती नहीं खा रहे थे क्योंकि वे ठीक से पकी नहीं होती थी। लेकिन इस बार हम पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और हम पके हुए भोजन पर नजर रखने के लिए माता-पिता शिक्षक संघ (पीटीए) से मदद मांग रहे हैं। उन्होंने कहा, दुर्भाग्य से हम फास्ट फूड अधिक पसंद करते हैं। मैदा से बने समोसे सभी की पहली पसंद हैं। यह अब एक सामाजिक मुद्दा बन गया है।
उन्होंने कहा कि कुपोषण से निपटने के लिए केंद्र से फोर्टिफाइड चावल मांगा जाता है। यह चावल स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। संपन्न परिवारों के भी कई बच्चे कुपोषित हैं। इससे छात्रों को स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। हालांकि, फोर्टिफाइड चावल पीले और काले होते हैं इसलिए सवाल है कि क्या बच्चे इसे स्वीकार करेंगे। गोवा में लगभग 105 स्वयं सहायता समूह मिड डे मील तैयार करने में लगे हुए हैं।
(आईएएनएस)
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