बेहतर रिसर्च के बावजूद छात्र-शिक्षक अनुपात में पिछड़ गया दिल्ली विश्वविद्यालय, टॉप 10 की सूची से हुआ बाहर
एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग बेहतर रिसर्च के बावजूद छात्र-शिक्षक अनुपात में पिछड़ गया दिल्ली विश्वविद्यालय, टॉप 10 की सूची से हुआ बाहर
- बेहतर रिसर्च के बावजूद छात्र-शिक्षक अनुपात में पिछड़ गया दिल्ली विश्वविद्यालय
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में सुधार के बावजूद जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को अपनी स्थिति बरकरार रखने के लिए अपने शोध कार्य में सुधार करना होगा और उसमें तेजी लानी होगी। वहीं दूसरी ओर टॉप 10 की सूची से बाहर हो चुके दिल्ली विश्वविद्यालय को तत्काल शिक्षक-छात्र अंतर को भरने की आवश्यकता है।
गौरतलब है कि एनआईआरएफ यूनिवर्सिटी 2021 में दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग इस साल एक पायदान लुढ़क गई है। पिछले वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर था। इस साल एक स्थान की गिरावट के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय 12वें स्थान पर आ गया है। वहीं 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय का देश भर के विश्वविद्यालयों में 13वां नंबर था।
दिल्ली विश्वविद्यालय की रैंकिंग में आई इस गिरावट का बड़ा कारण दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र शिक्षक अनुपात है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी के मुताबिक कुछ अन्य विश्वविद्यालयों के मुकाबले छात्र शिक्षक अनुपात में दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थिति उतनी अच्छी नहीं है।
एनआईआरएफ की राष्ट्रीय रैंकिंग में पूरे देश में जेएनयू को दूसरा सबसे बेहतर विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। हालांकि रिसर्च के क्षेत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू से आगे है। प्रोफेसर पीसी जोशी ने कहा कि रिसर्च में दिल्ली विश्वविद्यालय 11वें स्थान पर है जबकि जेएनयू 18वें स्थान पर है। हालांकि ओवरऑल रैंकिंग में जेएनयू देश का दूसरा सबसे बेहतरीन विश्वविद्यालय घोषित किया गया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती की मांग लंबे समय से उठाई जा रही है। अपने कार्यकाल के दौरान प्रोफेसर पीसी जोशी ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है। हालांकि अभी भी विश्वविद्यालय में बड़ी तादाद में पदों को भरा जाना एवं शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति देना बाकी है।
वहीं एनआईआरएफ-2021 में बेहतर रैंकिंग पर खुशी जाहिर करते हुए, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की तीनों कर्मचारी एसोसिएशन ने कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर को पत्र लिखकर उनके कुशल नेतृत्व के लिए उनकी प्रशंसा की। एसोसिएशन के मुताबिक कुलपति के कुशल नेतृत्व के कारण ही देश के 10 शीर्ष विश्वविद्यालयों में जामिया की रैंक 6 तक और ओवरऑल में पिछले वर्ष के मुकाबले 16वीं से 13वीं रैंक तक अपग्रेड होना संभव हो सका है।
(आईएएनएस)