स्टीफंस-डीयू विवाद, दाखिले में हो सकती है देरी, बुधवार को पहली कट ऑफ

सीयूईटी स्टीफंस-डीयू विवाद, दाखिले में हो सकती है देरी, बुधवार को पहली कट ऑफ

Bhaskar Hindi
Update: 2022-10-18 18:00 GMT
स्टीफंस-डीयू विवाद, दाखिले में हो सकती है देरी, बुधवार को पहली कट ऑफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपनी पहली कट ऑफ लिस्ट को को एक दिन के लिए टाल दिया है। पहली कट ऑफ मंगलवार को जारी होनी थी। लेकिन अब बुधवार को यह कट ऑफ जारी की जाएगी। गौरतलब है कि बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज की सीयूईटी के मसले पर सुनवाई भी होगी।

इससे पहले बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में स्टीफंस कॉलेज को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) का पालन करने को कहा था। दरअसल सेंट स्टीफंस कॉलेज ने सीयूईटी को 85 प्रतिशत और इंटरव्यू को 15 प्रतिशत वेटेज देने का निर्णय लिया था लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद स्टीफंस कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया था। माना जा रहा है कि इससे कॉलेज की दाखिला प्रक्रिया में कुछ विलंब हो सकता है।

अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में एडमिशन को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय और सेंट स्टीफंस कॉलेज में भी मतभेद हैं। यह मतभेद साक्षात्कार को लेकर हैं। विश्वविद्यालय चाहता है कि सेंट स्टीफंस कॉलेज भी शेष अन्य कॉलेजों की ही तरह केवल सीयूईटी के रिजल्ट के आधार पर छात्रों को दाखिला दे।

वहीं सेंट स्टीफंस कॉलेज का कहना है कि वह संविधान द्वारा दिए गए विशेषाधिकारों से समझौता किए बिना वह सीयूईटी का पालन करेंगे। कॉलेज ने सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के एक फैसले का भी हवाला दिया था कि एक अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में सेंट स्टीफंस की अपनी प्रवेश प्रक्रियाएं हैं जो संविधान द्वारा गारंटीकृत है।

दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि सेंट स्टीफंस कॉलेज द्वारा खड़ा किृा गया यह कानूनी विवाद सीयूईटी प्रवेश प्रक्रिया को व्यापक रूप से प्रभावित नहीं करेगा, क्योंकि डीयू के अन्य सभी कॉलेजों ने इस प्रक्रिया को अपनी पूर्ण मान्यता दी है। यूजीसी चेयरमैन प्रोफेसर एम जगदीश कुमार के मुताबिक सीयूईटी को अपनाते समय सभी विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश नीतियां रही हैं। इसलिए अन्य संस्थानों में एडमिशन प्रक्रिया प्रभावित नहीं होना चाहिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा था कि सीयूईटी प्रक्रिया पालन न करने पर वह सेंट स्टीफंस कॉलेज द्वारा लिए गए दखिलों को दिल्ली विश्वविद्यालय मान्यता नहीं देगा। विश्वविद्यालय का कहना है कि एक ही विश्वविद्यालय के कॉलेज एडमिशन के लिए अलग-अलग नियम नहीं अपना सकते। दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पष्ट किया है कि अगर सेंट स्टीफंस कॉलेज सीयूईटी का पालन नहीं करेगा तो यहां किए जाने वाले एडमिशन अमान्य करार दिए जा सकते हैं। इंटरव्यू के आधार पर एडमिशन हासिल करने वाले छात्रों की डिग्री को भी दिल्ली विश्वविद्यालय मान्यता देने से इंकार कर सकता है। इसके बाद कॉलेज ने इस मसले पर कोर्ट का रूख किया है।

गौरतलब है कि डीयू में इस बार दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) स्कोर के माध्यम से हो रहे हैं। विश्वविद्यालय के अंतर्गत लगभग 80 विभाग हैं जहां स्नातकोत्तर डिग्री ,पीएचडी, सर्टिफिकेट कोर्स, डिग्री कोर्स आदि कराएं जाते हैं। इसी तरह से दिल्ली विश्वविद्यालय में तकरीबन 79 कॉलेज हैं, जिनमें स्नातक, स्नातकोत्तर की पढ़ाई होती है। इन कॉलेजों व विभागों में हर साल स्नातक स्तर पर विज्ञान, वाणिज्य व मानविकी विषयों में 70 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं के प्रवेश होते हैं। विश्वविद्यालय का कहना है कि सभी कॉलेजों में दाखिले केवल सीयूईटी के स्कोर के आधार पर होंगे।

(आईएएनएस)

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