27 अगस्त तक पीजी के छात्रों के लिए करेक्शन विंडो
दिल्ली विश्वविद्यालय 27 अगस्त तक पीजी के छात्रों के लिए करेक्शन विंडो
- दिल्ली विश्वविद्यालय में 27 अगस्त तक पीजी के छात्रों के लिए करेक्शन विंडो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में पीजी दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पीजी के छात्रों के लिए एक करेक्शन विंडो खोली गई है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के पोस्टग्रेजुएशन प्रोगाम में दाखिले के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार इस विंडो के जरिए अपने एप्लीकेशन फॉर्म में सुधार कर सकते हैं। छात्रों के लिए यह सुविधा केवल 27 अगस्त तक के लिए है। दिल्ली यूनिवर्सिटी 27 अगस्त को यह करेक्शन विंडो बंद कर देगी।
इसको देखते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्रों को सलाह दी है कि यदि उनके आवेदन पत्र में कोई कमी या त्रृटि रह गई है तो उसे सुधार लें। विश्वविद्यालय का कहना है कि 27 अगस्त के उपरांत छात्रों को आवेदन पत्र में सुधार का कोई अवसर नहीं मिल सकेगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय में इस साल पीजी कोर्स में प्रत्येक सीट के लिए औसतन 9 छात्रों ने आवेदन किया है। दिल्ली विश्वविद्यालय में विभिन्न स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में लगभग 20,000 सीटें हैं, लेकिन इन पाठ्यक्रमों में करीब 1.80 लाख छात्रों ने आवेदन किया है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पीजी, एमफिल और पीएचडी दाखिले के लिए रजिस्ट्रेशन 26 जुलाई को शुरू हुआ था। यह ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 21 अगस्त की रात 11 बजकर 59 मिनट पर पूरी हो गई।
फॉर्म में सुधार के लिए छात्रों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके लिए ईमेल आईडी और पासवर्ड की जरूरत होगी। इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय ऑनलाइन मोड के माध्यम से डीयू पीजी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित कर रहा है।
गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था एकेडेमिक काउंसिल और अकादमिक मामलों की स्थायी समिति, चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) संरचना के कार्यान्वयन को पारित कर चुके हैं। शिक्षक संगठनों ने इसपर अपना विरोध और असहमति जताई है। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय इसके बावजूद यह स्पष्ट किया है कि 2022-23 से चार वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (एफवाईयूपी) लागू कर दिया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय में डूटा सहित विभिन्न शिक्षक संघों द्वारा नई शिक्षा नीति के कई प्रावधानों का कड़ा विरोध है। शिक्षक खासतौर पर 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम को लागू नहीं करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि दिल्ली विश्वविद्यालय का आधिकारिक तौर पर कहना है अगले वर्ष शुरू होने वाले सत्र से यह कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना है कि एफवाईयूपी लागू होने से छात्रों को प्रमाणपत्र, डिप्लोमा या डिग्री के साथ पाठ्यक्रमों से बाहर निकलने की अनुमति देने से लचीलेपन की अनुमति मिलेगी।
(आईएएनएस)