शिवजी पर जल चढ़ाने से पहले जान लें अभिषेक के नियम, फायदे की जगह कहीं हो न जाए नुकसान
धर्म शिवजी पर जल चढ़ाने से पहले जान लें अभिषेक के नियम, फायदे की जगह कहीं हो न जाए नुकसान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सावन का महीना शुरु हो चुका है। आज सावन का पहला सोमवार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया गया। ऐसा माना जाता है, कि सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनका अभिषेक करना चाहिए। भोलेनाथ का अभिषेक पंचामृत, दूध या जल से किया जा सकता है। पर क्या आप को पता है, कि भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के कुछ नियम भी हैं। अगर इन नियम के अनुसार शिवजी का अभिषेक किया जाता है, तो वह भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। तो चलिए आज हम आप को बताते हैं शिवजी के जलाभिषेक करने के नियम।
शिवजी के जलाभिषेक करने के लिए लें यह पात्र
जिस तरह पूजा के लिए जल की पवित्रता आवश्यक है, उसी तरह पूजा की पवित्रता भी उतनी ही आवश्यक है। हमारा कहने का मतलब यह है, कि शिवजी को जल किस कलश चढ़ाया जा रहा यह भी बहुत ही आवश्यक है। शिवजी पर जल चढ़ाने के लिए तांबे का पात्र सबसे अच्छा माना जाता है। चांदी या कांसे के पात्र से अभिषेक करना अच्छा माना जाता हैं। लेकिन शिवजी का किसी स्टील के बर्तन से अभिषेक नहीं करना चाहिए। अगर आप शिवजी पर दूध का अभिषेक कर रहे हैं, तो तांबे के बर्तन का उपयोग न करें यह अशुभ माना जाता है।
सही दिशा का महत्व और धार की गति
महादेव को जल चढ़ाते समय हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके ही जल चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाने से शिव और पार्वती दोनों का आशीर्वाद मिलता है। इसी के साथ जलाभिषेक करते हुए धीरे-धीरे जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से महादेव विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। शिवजी के ऊपर बहुत तेज या बड़ी धारा में जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
जल अभिषेक करने का आसन
शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय हमेशा बैठकर जल चढ़ाएं। रुद्राभिषेक करते समय कभी भी खड़े नहीं होना चाहिए। मान्यता के अनुसार खड़े होकर महादेव को जल चढ़ाने से इसका पुण्य फल भी नहीं मिलता है।