इस मुहूर्त में करें विघ्नहर्ता की पूजा, लगाएं इन चीजों का भोग
विनायक चतुर्थी इस मुहूर्त में करें विघ्नहर्ता की पूजा, लगाएं इन चीजों का भोग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश जी को समर्पित विनायक चतुर्थी का व्रत इस बार 6 मार्च, रविवार को पड़ रहा है। इस दिन गणेश जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बता दें कि, विघ्नहर्ता भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य से पहले की जाती है। उन्हें प्रथम पूज्य कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन गणेश जी की पूजा करने से विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
विनायक चतुर्थी को भगवान गणेश को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन विनायक चतुर्थी है और भक्त व्रत रखने के साथ ही भगवान गणेश की पूजा आराधना विधि विधान से करते हैं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि...
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शुभ मुहूर्त
तिथि आरंभ: 5 मार्च 2022, शनिवार रात्रि 8 बजकर 35 मिनट से
तिथि समापन: 6 मार्च 2022, रविवार को रात्रि 9 बजकर 11 तक
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त: 6 मार्च 2022 को प्रात: 11 बजकर 22 मिनट से दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक
पूजन विधि
- सूर्योदय से पूर्व उठें और स्नानादि से निवृत्त होकर भगवान सूर्य को जल चढ़ाकर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान गणेश की पूजा करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर अपना मुख रखें।
- भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं।
- इसके बाद फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें।
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- इस दिन गणेश जी को लाल फूल समर्पित करने के साथ अबीर, कंकू, गुलाल, हल्दी, मेंहदी, मौली चढ़ाएं। मोदक, लड्डू, पंचामृत और ऋतुफल का भोग लगाएं।
- इस दिन गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं।
- मोदक का भोग लगाने से भी भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं।
- संध्या काल में स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण कर विधिपूर्वक धूप, दीप, अक्षत, चंदन, सिंदूर, नैवेद्य से गणेशजी का पूजन करें।
- इसके बाद गणपति अथर्वशीर्ष, श्रीगणपतिस्त्रोत या गणेशजी के वेदोक्त मंत्रों का पाठ करें।
- विनायक चतुर्थी की कथा सुनें अथवा सुनाएं।
- गणपति की आरती करने के बाद प्रसाद का वितरण करें।