व्रत: तिल द्वादशी आज, इस पूजा से मिलेगा सुख और वैभव, जानें महत्व
व्रत: तिल द्वादशी आज, इस पूजा से मिलेगा सुख और वैभव, जानें महत्व
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। माघ माह की कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को तिल द्वादशी का व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। मन का अंधकार दूर होता है और जीवन में प्रकाश का संचार होता है। इस व्रत में ब्राह्मण को तिलों का दान, पितृ तर्पण, हवन, यज्ञ, आदि का बहुत ही महत्व है। इस वर्ष यह व्रत 21 जनवरी मंगलवार यानी कि आज है।
मान्यता है कि सभी पापों से मुक्ति और भगवान वासुदेव की प्रीति प्राप्त करने के लिए प्रत्येक मनुष्य को माघ स्नान अवश्य ही करना चाहिए। महाभारत में उल्लेख आया है कि जो मनुष्य माघ मास में संतो को तिल दान करता है, वह कभी नरक का भागीदार नहीं बनता है। तो आइए जानते हैं सभी को सुख और वैभव को देने वाले इस व्रत से इस महत्व...
महत्व
इस दिन विशेषरूप से भगवान विष्णु का पूजन तिल से किया जाता है तथा पवित्र नदियों में स्नान व दान करने का महत्त्व होता है। इस दिन मनुष्य को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। हमारे धार्मिक पौराणिक ग्रंथ पद्म पुराण में माघ मास के माहात्म्य का वर्णन किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पूजा करने से भी भगवान श्रीहरि को उतनी प्रसन्नता नहीं होती, जितनी कि माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने मात्र से होती है।
व्रत का पालन
माघ मास की द्वादशी तिथि को दिन-रात उपवास करके भगवान माधव की पूजा करने से मनुष्य को राजसूय यज्ञ के सामान फल प्राप्त होता है। अतः इस प्रकार माघ मास में तिल द्वादशी का व्रत एवं स्नान-दान की अपूर्व महिमा है। इस दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जाप किया जाता है। वैसे तो शास्त्रों में माघ मास की प्रत्येक तिथि पर्व विशेष मानी गई है। यदि किसी स्थिति के कारण पूरे माह का नियम न निभा सके तो उसमें यह व्यवस्था भी दी है कि 3 दिन अथवा 1 दिन माघ स्नान का व्रत का पालन करें।
इतना ही नहीं इस माह की तिल द्वादशी का व्रत भी एकादशी की तरह ही पूर्ण पवित्रता के साथ मन को शांत रखते हुए पूर्ण श्रद्धा-भक्ति से करता है तो यह व्रत उस जातक के सभी कार्य सिद्ध कर उसे पापों से मुक्ति प्रदान करता है।